प्रतापगढ़: देश एक तरफ साइंस की बदौलत डिजिटल बन रहा है तो वहीं दूसरी ओर अंधविश्वास भी अपने पैर जमाए हुए है। ऐसा ही अंधविश्वास का एक नजारा उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले में देखने को मिला है।
जिले के गांव में ग्रामीणों ने ‘कोरोना माता’ की मूर्ति की स्थापना करते हुए मंदिर बनाकर पूजा-अर्चना शुरू कर दी। जब इस मामले ने तूल पकड़ा तो जिला प्रशासन के निर्देश पर पुलिस ने ‘कोरोना माता’ के मंदिर को ढहाते हुए खत्म कर दिया।
शुकुलपुर गांव का है मामला
दरअसल, सांगीपुर बाजार क्षेत्र के दीवानगंज मार्ग पर जूही शुकुलपुर गांव है। यहां चार दिन पहले कुछ लोगों ने ‘कोरोना’ माता का मंदिर बनवा दिया, जहां अंधविश्वास को बढ़ावा देते हुए पूजा-अर्चना शुरू हो गई। इसे विश्व का एक मात्र मंदिर बताते हुए ‘कोरोना माता’ की प्रतिमा स्थापित की गई, जिसकी ग्रामीण पूजा-पाठ करने के साथ ही प्रसाद बांटने लगे।
इसलिए बनाया गया मंदिर
लोगों ने ‘कोरोना माता’ का मंदिर एक नीम के पेड़ के नीचे स्थापित किया और सुबह-शाम पूजा-पाठ करने लगे। ग्रामीणों ने कहा कि सभी ने एक साथ फैसला लिया और इस विश्वास के साथ कोरोना माता के मंदिर की स्थापना की कि उनकी पूजा करने से लोगों को कोरोना वायरस से राहत मिलेगी।
वहीं, जब प्रतापगढ़ का यह मंदिर सोशल मीडिया पर वायरल हुआ तो चर्चा का विषय बन गया। इस बात की जानकारी होते ही जिला प्रशासन हरकत में आया और अंधविश्वास में स्थापित किए गए कोरोना माता के मंदिर को पुलिस ने शुक्रवार रात ढहा दिया।
मूर्ति स्थापना कराने वाला हिरासत में
सांगीपुर पुलिस ने तोड़ी गई मूर्ति के अवशेषों को ट्रैक्टर ट्राली में रखकर बाहर कर दिया। साथ ही मंदिर में मूर्ति स्थापना कराने वाले नागेश कुमार श्रीवास्तव नाम के शख्स को पुलिस ने हिरासत में ले लिया। हालांकि, अब परिवार वाले पुलिस पर दबंगई का आरोप लगा रहे हैं।