संविधान दिवस के मौके पर संसद में आयोजित कार्यक्रम का जहां एक और विपक्ष ने बहिष्कार किया। वही इस कार्यक्रम का केंद्र की ओर से भव्य आयोजन किया गया। इस दौरान राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कार्यक्रम को संबोधित किया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संबोधन के दौरान विपक्ष की ओर से संसद में आयोजित संविधान दिवस कार्यक्रम के बहिष्कार को लेकर कहा कि “यह कार्यक्रम किसी दल का नहीं और ना ही प्रधानमंत्री का था।
Addressing the programme to mark Constitution Day in Central Hall. https://t.co/xmMbNn6zPV
— Narendra Modi (@narendramodi) November 26, 2021
आज का दिन राष्ट्रीय निर्माताओं को नमन करने का दिन है: पीएम मोदी
संविधान निर्माताओं को पीएम मोदी ने किया याद
संसद भवन में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सबसे पहले पीएम मोदी ने भारतीय संविधान निर्माताओं को याद करते हुए कहा कि,”आज का दिवस बाबासाहेब अम्बेडकर, डॉ राजेन्द्र प्रसाद जैसे दुरंदेशी महानुभावों का नमन करने का है। आज का दिवस इस सदन को प्रणाम करने का है|
पीएम मोदी ने आगे कहा कि आज पूज्य बापू को भी नमन करना है।आजादी के आंदोलन में जिन-जिन लोगों ने बलिदान दिया, उन सबको भी नमन करने का है। आज 26/11 हमारे लिए एक ऐसा दुखद दिवस है, जब देश के दुश्मनों ने देश के भीतर आकर मुंबई में आतंकवादी घटना को अंजाम दिया|
पीएम मोदी ने साधा विपक्ष पर निशाना
विपक्ष का नाम लिए बिना पीएम मोदी निशाना साधते हुए कहा,”कि संविधान की भावना को भी चोट पहुंची है, संविधान की एक-एक धारा को भी चोट पहुंची है, जब राजनीतिक दल अपने आप में अपना लोकतांत्रिक कैरेक्टर खो देते हैं। जो दल स्वयं लोकतांत्रिक कैरेक्टर खो चुके हों, वो लोकतंत्र की रक्षा कैसे कर सकते हैं।
संबोधन के दौरान राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने ये कहा
- संविधान दिवस के दिन, आप सबके साथ यहां उपस्थित होकर मुझे बहुत प्रसन्नता हो रही है। भारत विश्व का सबसे बड़ा लोकतन्त्र है। मुझे विश्वास है कि आप सब भी इस अवसर पर हमारे महान लोकतंत्र के प्रति गौरव का अनुभव कर रहे हैं।
- इसी सेंट्रल हॉल में 72 वर्ष पहले हमारे संविधान निर्माताओं ने स्वाधीन भारत के उज्ज्वल भविष्य के दस्तावेज को यानि हमारे संविधान को अंगीकार किया था तथा भारत की जनता के लिए आत्मार्पित किया था।
- हमारे संविधान में वे सभी उदात्त आदर्श समाहित हैं जिनके लिए विश्व के लोग भारत की ओर सम्मान और आशा भरी दृष्टि से देखते रहे हैं। “हम भारत के लोग”, इन शब्दों से आरम्भ होने वाले हमारे संविधान से यह स्पष्ट हो जाता है कि भारत का संविधान लोगों की आकांक्षाओं की सामूहिक अभिव्यक्ति है।
- हमारी आज़ादी के समय, राष्ट्र के समक्ष उपस्थित चुनौतियों को यदि ध्यान में रखा जाए, तो ‘भारतीय लोकतंत्र’ को निस्संदेह मानव इतिहास की सबसे बड़ी उपलब्धियों में से एक माना जा सकता है। इस उपलब्धि के लिए, हम संविधान निर्माताओं की दूरदर्शिता और जन-गण-मन की बुद्धिमत्ता को नमन करते है।
LIVE: President Kovind's address at the Constitution Day Celebrations in the Central Hall of the Parliament https://t.co/jX0PTuI0u5
— President of India (@rashtrapatibhvn) November 26, 2021