लखनऊ। कोरोना की चुनौतियों के बीच एपेक्स लैबोरेटरीज़ प्राइवेट लिमिटेड ने दावा किया है कि कम और मध्यम लक्षणों के इलाज के रूप में ओरल एंटीवायरल क्लेविरा टैबलेट काफी सहायक है। इसके लिए भारत सरकार-आयुष मंत्रालय की ओर से नियामक स्वीकृति भी मिल गई है। एपेक्स लैबोरेटरीज़ प्राइवेट लिमिटेड को इसकी एंटी-वायरल दवा क्लेविरा के लिए सीसीआरएएस (द सेंट्रल काउंसिल फ़ॉर रिसर्च इन आयुर्वेदिक साइंसेज) और आयुष मंत्रालय के द्वारा गठित 12 सदस्य और साथ ही औषधि विज्ञान विभाग एम्स के पूर्व प्रोफेसर डॉ. एस.के. मौलिक की अध्यक्षता वाली तकनीकी कमेटी, इंटर डिसिप्लिनरी टेक्निकल रिव्यू कमेटी (आईटीआरसी) में जांच के विभिन्न चरणों के माध्यम से ये अनुमति मिली है। ये दवा कोविड-19 के कम से मध्यम लक्षणों की स्थिति के लिए एक सहायक उपाय के रूप में एक अतिरिक्त सुझाव मानकर भारत सरकार (आयुष मंत्रालय) के नियामकों के अनुसार स्वीकृति दी गई है।
दवा तैयार करने वाली कंपनी का दावा है कि कोविड-19 के हल्के लक्षणों में क्लोविरा का सेवन करने से 5वें दिन 86% रिकवरी रेट देखा गया है। जिसमें लगभग 86 फीसदी मरीज स्वस्थ हुए हैं। ये इनकी आरटीपीसीआर व सीटी वैल्यू में देखकर मूल्यांकन किया गया है।
क्लेविरा के दावे
- क्लेविरा को इसकी मौजूदा एंटीवायरल की मंजूरी के अलावा एक अतिरिक्त सुझाव के रूप में कोविड-19 के कम से मध्यम लक्षणों की स्थिति के लिए सहायक उपाय के रूप में उत्पादन करने और बेचने की स्वीकृति मिल गई है.
- क्लेविरा का सेवन करने से उपचार के 5वें दिन 86% रिकवरी रेट दिखा है (86% मरीज स्वस्थ हो गए – आरटी पीसीआर – सीटी वैल्यू)
- उपचार के 10वें दिन 100% रिकवरी
- सभी संकेत और लक्षण दिखने पर 4 दिन में क्लिनिकल रिकवरी
- दिन में दो बार एक टैबलेट का सेवन करने की सुविधा
- लीवर और किडनी के मानदंडों के अनुसार सुरक्षित
स्वीकृत एंटीवायरल फ़ॉर्मूलेशन है क्लेविरा
दावा किया गया है कि क्लेविरा की खोज सत्यापित वैज्ञानिक प्रमाण पर आधारित एपेक्स के रिसर्च एंड डेवलपमेंट सेंटर में हुई है। इसे हाल ही में हुए डेंगू महामारी के प्रकोप और संबंधित मृत्यु दर को देखकर 2017 में भारतीय बाजार में बेचना शुरू किया था। क्लेविरा का व्यापक अध्ययन, जानवरों (विस्टार चूहे) में सुरक्षा और मनुष्यों में इसका प्रभाव जानने के लिए चरण II और III के नैदानिक परीक्षणों में किया गया है। थ्रोम्बोसाइटोपेनिया से संबंधित या इससे अलग वायरल बुखार सहित, विभिन्न वायरल संक्रमणों में उपचार के लिए क्लेविरा एक स्वीकृत एंटीवायरल फ़ॉर्मूलेशन है। क्लेविरा ने अपने एंटीवायरल गुण के अलावा एनाल्जेसिक, एंटीपायरेटिक और थ्रोम्बोसाइटोपेनिया की समस्या के समाधान में अपने प्रभाव को सिद्ध किया है।
शोध में खरी निकली क्लेविरा
दावा किया जा रहा है कि तमिलनाडु राज्य सरकार से शासकीय मंजूरी के आधार पर गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज ओमांदुरार गवर्नमेंट एस्टेट चेन्नई में द्वितीय चरण का क्लिनिकल परीक्षण किया गया था। परीक्षण के परिणामों से पता चला कि क्लेविरा ने सामान्य से मध्यम कोविड-19 में उपचार के 5वें दिन 86% रिकवरी दर दिखाई है। उपचार के 10वें दिन 100% रिकवरी रेट दिखा था। चौथे दिन में सभी संकेत और लक्षणों से क्लिनिकल रिकवरी दर्ज की गई थी। किडनी और लीवर के मानदंडों के अनुसार क्लेविरा सुरक्षित होनी साबित हुई है।
2020 में किए गए अध्ययन के परिणाम तमिलनाडु सरकार, भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) और आयुष मंत्रालय के समक्ष प्रस्तुत किए गए थे। विभिन्न तकनीकी समीक्षा समितियों के समक्ष जाँच और विचार-विमर्श के विभिन्न चरणों के बाद, भारत सरकार (आयुष मंत्रालय) के नियामकों के अनुसार कोविड-19 के कम से मध्यम लक्षणों की स्थिति के लिए सहायक उपाय के रूप में क्लेविरा की स्वीकृति दी गई है। कंपनी का कहना है कि क्लेविरा की टैबलेट का सेवन भोजन करने के बाद और एक टैबलेट खुराक दिन में दो बार 14 दिन तक किया जाता है। जिससे इसका प्रभाव अच्छा पड़ता है मरीज की रिकवरी रेट बढ़ती है।