नई दिल्ली। शिवसेना और बीजेपी का गठबंधन जहां राजनीति के सियासी पारे को चढ़ाए हुए है तो वहीं, अब अमित शाह की ओर से इस गठबंधन को लेकर साफ तल्खी देखी जी रही है। आपको बता दें कि बीजेपी से नाराज चल रही शिवसेना को बीजेपी के अध्यक्ष अमित शाह ने कई बार मनाने की कोशिश की है पर शिवसेना बीजेपी के साथ आने को जरा भी तैयार नहीं है। शुक्रवार को संसद में मॉनसून सत्र कें दौरान विपक्षी दलों द्वारा लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर भी शिवसेना ने सरकार का साथ नहीं दिया, बल्कि सदन की बहस में भी हिस्सा नहीं लिया था। इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए बीजेपी ने आगामी लोकसभा चुनावों में महाराष्ट्र में अकेले ही चुनाव लड़ने के संकेत दिए हैं।
महाराष्ट्र में टूटेगा गठबंधन
बता दें कि अविश्वास प्रस्ताव के दौरान शिवसेना ने पहले तो प्रस्ताव के विरोध में वोट करने के लिए व्हिप जारी किया था लेकिन बाद में व्हिप वापस ले लिया था। इतना ही नहीं शिवसेना नेताओं ने संसद में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के भाषण की भी जमकर तारीफ की थी। शिवसेना के इस कदम से बीजेपी नाराज है। महाराष्ट्र में लोकसभा की 48 सीटें हैं और विधानसभा की 288 सीटें हैं और दोनों ही जगहों पर शिवसेना और बीजेपी के बीच तालमेल है। इतना ही नहीं बीएमसी में भी दोनों ही दलों के गठबंधन की सरकार है।
बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह रविवार को महाराष्ट्र के दौरे पर थे। इस दौरान उन्होंने महाराष्ट्र बीजेपी नेताओं और सगंठन के वरिष्ठ पदाधिकारियों के साथ एक बैठक भी की। बैठक को संबोधित करते हुए अमित शाह ने कार्यकर्ताओं को आगामी लोकसभा चुनावों में महाराष्ट्र की सभी सीटों पर अकेले चुनाव लड़ने के लिए संगठन को मजबूत और चुनावों की तैयारी करने के लिए कहा। उन्होंने तो यहां तक कहा कि सूबे में बीजेपी की स्थिति इतनी मजबूत होनी चाहिए कि अगर शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी मिलकर भी चुनाव लड़ें तो बीजेपी को ना हरा सकें। आपको बता दें कि हाल ही में अमित शाह उद्धव ठाकरे से मिले थे लेकिन दोनों की मुलाकात बेनतीजा रही।
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