नई दिल्ली। अविश्वास प्रस्ताव से कुछ घंटे पहले शिवसेना ने मोदी सरकार को तगड़ा झटका दिया है। शिवसेना ने सरकार का समर्थन नहीं करने का संकेत दिया है। आज सामना में लिखा गया है कि इस समय देश में तानाशाही चल रही है। इसका समर्थन करने की जगह वो जनता के साथ जाना चाहेगी। 543 सांसदों वाली लोकसभा में इस वक्त 11 सीटें खाली हैं। य़ानी लोकसभा में सांसदों की मौजूदा संख्या 532 है। इस लिहाज से बहुमत के लिए जरूरी आंकड़ा 267 सीटों का है. फिलहाल बीजेपी के 272 सांसदों के साथ सरकार के पक्ष में कुल 295 सांसद हैं। ये आंकड़ा 313 का होता, लेकिन शिवसेना ने अपना रुख साफ नहीं किया है।
बता दें कि उधर विरोध में 147 सांसद हैं, जबकि शिवसेना के 18 सांसदों को मिलाकर यह संख्या 165 हो जाएगी। अब तक 90 सांसद अविश्वास प्रस्ताव का समर्थन करेंगे या विरोध, ये फिलहाल साफ नहीं हो पाया है। अब तक माना जा रहा था कि शिव सेना सरकार के साथ जाएगी। बीते गुरुवार को भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने उद्धव को फोन किया था। इसके बाद खबरें आईं थीं कि शिवसेना मोदी सरकार के समर्थन में वोट करेगी। लेकिन आज सामना में पार्टी ने अप्रत्यक्ष रूप से साफ कर दिया है कि वोटिंग में वो मोदी सरकार का समर्थन नहीं करेगी। हालांकि पार्टी ने अभी तक इसका औपचारिक ऐलान नहीं किया है।
वहीं एआईएडीएमके ने भी अभी तक अपने पत्ते नहीं खोले हैं। पार्टी के 37 सांसदों का रुख क्या होगा, ये भी अभी तक साफ नहीं है। अविश्वास प्रस्ताव सरकार का इम्तिहान कम बल्कि विपक्ष की परीक्षा ज्यादा है, क्योंकि संख्या बल सरकार के साथ है। बस देखना दिलचस्प ये होगा कि सरकार के खिलाफ विपक्ष कितनी मजबूती से टिक पाता है।