नई दिल्ली। केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री थावर चंद गहलोत ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार ने सामाजिक न्याय और सशक्तिकरण के लिए कई पहल की हैं। सरकार एकात्मता, समता और सामाजिक समरसता के सिद्धांत पर चल रही है। उन्होंने यह बात शनिवार को यहां भारत रत्न डॉ. भीमराव अम्बेडकर की 127वीं जयंती के मौके पर ‘प्रमुख सामाजिक कल्याण की पहल’ विषय पर आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कही। सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्य मंत्री रामदास आठवले भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
थावरचंद गहलोत ने कहा कि सरकार ने अंबेडकर से जुडे पांच स्थानों को ‘पंचतीर्थ’ घोषित कर उन्हें सम्मान दिया है। उन्होंने कहा कि इसमें अंबेडकर की जन्मभूमि महू, शिक्षाभूमि लंदन, दीक्षा स्थान नागपुर, निर्वाण भूमि दिल्ली का 26 अलीपुर रोड स्थित स्मारक और मुंबई के दादर में चैत्य भूमि जहां उनका अंतिम संस्कार किया गया शामिल हैं। गहलोत ने कहा कि अंबेडकर स्मारक 26 अलीपुर की प्रधानमंत्री ने 25 मार्च, 2016 को आधारशिला रखी थी। इसकी लागत 95 करोड़ रूपये है।
अंबेडकर इस स्थान पर 6 दिसंबर,1950 को अंतिम सांस ली थी। स्मारक का विकास एक संग्रहालय के रूप में किया जा रहा है। संग्रहालय का आकार खुली पुस्तक का है जो संविधान और संविधान निर्माण में उनके योगदान को प्रतिबिंबित करता है। यह विश्व के कुछ भवनों में एक होगा जो पुस्तक के आकार में बने हैं। स्मारक में विभिन्न क्षेत्रों में बाबा साहेब के योगदान को दिखाया जाएगा। स्तूप आकार में एक ध्यान केंद्र भी होगा। यह स्मारक इस साल दिसंबर तक तैयार हो जाएगा।
उन्होंने कहा कि अंबेडकर की सोच सही दिशा में लोगों तक पहुंचे, इसके लिए 15 जनपथ, नई दिल्ली में डॉ. अंबेडकर अंतरराष्ट्रीय केंद्र का 195 करोड़ रुपये की लागत से निर्माण किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यह दिसंबर 2017 तक बनकर तैयार हो जाएगा। इससे अंतरराष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन करने में सहूलियत मिलेगी और अंबेडकर से संबंधित विषयों और अन्य संबंधित मामलों पर अनुसंधान के लिए उपयुक्त मंच की सुविधा उपलब्ध कराएगा।