बठिंडा। पंजाब के वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल ने कहा है कि उनसे न तो सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह को कोई खतरा है और न ही पंजा को। अगर मुझ से किसी को खतरा है तो वो है सुखबीर सिंह बादल को है। मालवा में अगर कोई सुखबीर की राह में रोड़ा है तो वो मैं ही हूं क्योंकि मनप्रीत बठिंड़ा में बैठा है इसलिए ये डर सुखबीर को बार-बार सता रहा है। मनप्रीत ने कहा कि राज्य में 25 साल तक राज करने के बाद अकाली दल की हालत ये हो गई है कि वो विपक्ष के बजाए तीसरे नंबर पर पहुंच गई है। दरअसल उन्होंने ये बात सुखबीर सिंह बादल की बात पर पलटवार करते हुए कही है।
सुखबीर सिंह बादल ने बीते शुक्रवार को कहा था कि अगर कैप्टन को बचना है और पंजाब को बचाना है तो उन्हें मनप्रीत बादल से पीछा छुड़ाना होगा। मनप्रीत के गृह खराब हैं इसलिए अकाली ने मनप्रीत को अपने से दूर कर दिया। बता दें कि वित्त मंत्री दुकानदारों की समस्याओं को जानने के लिए कपड़ा मार्किट पहुंचे थे। इस दौरान जब उनसे सुखबीर सिंह के तंज पर सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा डिबेट करवालें और सुखबीर को 45 मिनट का समय दीजिएगा और मुझे 15 मिनट का। वह मुझसे किसी भी मुद्दे पर डिबेट करें मैं तैयार हूं।
वित्तमंत्री ने ये भी कहा कि एम्स के प्रोजेक्ट में पंजाब सरकार की एक पाई भी नहीं लगनी है। ऐसे में राज्य सरकार इस प्रोजेक्ट में क्यों अड़चन अड़ाएगी। उन्हें समझ नहीं आती है कि हरसिमरत बादल क्यों बार-बार ये बयान दे रही हैं। गेहूं की खरीद को लेकर असग-अलग एजेंसियों के इंकार के सवाल के जवाब में वित्तमंत्री मनप्रीत ने कहा कि ये बात दुरुस्त नहीं है। राज्य सरकार द्वारा दी जाने वाली मार्जिन मनी और बारदाने समेत सब कुछ तैयार है। अपने अब तक के एक साल के राज में कांग्रेस ने गेहूं और धान की खरीद में एक भी किसान व आढ़ती को कोई परेशानी नहीं आने दी है।
धान व नरमा के रिकॉर्ड तोड़ उत्पादन से सरकार को 15,000 करोड़ रुपये का इजाफा हुआ है। गुंडा टैक्स पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि यह शब्द ही पिछली सरकार के कार्यकाल में पैदा हुआ है। मौड़ बम ब्लास्ट के सवाल पर उन्होंने कहा कि जब तक फरार दोनों आरोपी पुलिस की पकड़ में नहीं आ जाते, तब तक कुछ भी कहना उचित नहीं है। उन्हें यह मामला राजनीतिक नहीं लगता। सियासी लाभ के लिए कोई व्यक्ति अपनी जान जोखिम में डालकर ऐसा हमला नहीं करवा सकता।