नई दिल्ली। हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा सभी राज्यों और लोकसभा का चुनाव एक साथ कराए जाने के प्रस्ताव से राजनीतिक गलियारों में इसी साल के अंत में लोकसभा चुनाव होने की सुगबुगाहट तेज हो गई थी, जिसे लेकर सभी राजनीतिक दलों ने मंथन करना शुरू कर दिया था। राजनीतिक गलियारों में फैली इस अफवाह को वित्त मंत्री अरुण जेटली ने विराम दे दिया है। वित्त मंत्री ने साफ कर दिया है कि लोकसभा चुनाव जल्द कराने की सरकार की कोई मंशा नहीं है। एस साक्षतकार के दौरान जेटली ने इन अफवाहों पर विराम लगाया।
उन्होंने कहा कि सरकार चुनाव के लिए तैयार है लेकिन लोकसभा का चुनाव समय से पहले कराने की सरकार की कोई मंशा नहीं हैं। इसी के साथ वित्त मंत्री ने त्रिपुरा में चल रहे विधानसभा चुनाव को लेकर पार्टी के घोषणापत्र के बारे में बताते हुए कहा कि राज्य में दो राजनीतिक स्थान हैं। पहला गैर वाम और वाम, जिसके तहत बीजेपी ने पूरा जोर लगा दिया है और भाजपा राज्य के विधानसभा चुनाव में माकपा के लिए प्रतिद्वंदी के रूप में उभरी है। उन्होंने बताया कि बीजेपी ने इस पूर्वोत्तर राज्य में 18 फरवरी को होने वाले विधानसभा चुनाव में वाममोर्चा से टक्कर लेने के लिए इंडिजीनियस पीपुल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा के साथ गठजोड़ किया है।
केंद्रीय वित्त मंत्री ने दावा करते हुए कहा कि त्रिपुरा में वाम मोर्चा का वही हश्र होगा जो पश्चिम बंगाल में हुआ। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में माकपा के आतंक से वे लोगों में घृणा का पात्र बन गई है. जिसके फलस्वरूप उसका सूपड़ा साफ हो गया। हाल में हुए उपचुनावों में भी पार्टी तीसरे या चौथे स्थान पर रही। जेटली ने कहा कि त्रिपुरा पिछड़ा रहा है क्योंकि माकपा ने राज्य में निजी पूंजी का कभी स्वागत नहीं किया। उन्होंने कहा कि त्रिपुरा में सरकार बनाने के बाद बीजेपी खाद्य प्रसंस्करण, बांस, आईटी, कपड़े जैसे क्षेत्रों के लिए विशेष आर्थिक क्षेत्र बनाएगी।