नई दिल्ली – आज सदन में बीजेपी के विजेंद्र गुप्ता ने केजरीवाल सरकार पर आरोप लगाया है कि दिल्ली में 1000 सीएनजी लो फ्लोर बसों की ख़रीद प्रक्रिया ठीक तरह से नहीं हुई है। गौरतलब है कि दिल्ली विधानसभा का बजट सत्र जारी है।
1000 बसों का था टेंडर तो 1250 बसों का क्यों दिया गया : विजेंद्र गुप्ता –
सदन में विजेंद्र गुप्ता ने सरकार पर यह आरोप लगाया कि इन बसों की कीमत 875 करोड़ रुपये है, 3 साल की वारंटी है और 3 साल तक बस कंपनी 2 लाख 10 हज़ार किलोमीटर तक वारंटी देती है। उन्होंने सदन में पूछा कि जब टेंडर किया गया तो AMC को इसके साथ क्यों नहीं जोड़ा गया। साथ ही उन्होंने कहा कि 3500 करोड़ रूपए में पहले 3 साल और 2 लाख 10 हज़ार किलोमीटर जो वारंटी पीरियड कवर है अर्थात जिस दिन बसें DTC को मिलेंगी उसी दिन से AMC 70 लाख रुपये शुरू हो जायेगा। बीजेपी नेता विजेंद्र गुप्ता ने पूछा कि जब टेंडर 1000 बसों का था तो उसे 1250 बसों का क्यों किया गया।
कैलाश गेहलोत का जवाब –
सूत्रों के अनुसार दिल्ली सरकार में परिवहन मंत्री कैलाश गेहलोत ने बीजेपी के इन आरोपों पर अपना जवाब देते हुए कहा कि बीजेपी ऐसा माहोल पैदा करने कि कोशिश कर रही है जैसे कि कोई बड़ा घोटाला हुआ हो। बता देता हूँ की यह बीजेपी की पुरानी आदत है। उन्होंने कहा कि विजेंद्र गुप्ता की आदत है कि जब भी हम बसें खरीदते है तो वह जगह जगह पूछताछ करने जाते है। वो चाहे कुछ भी करे लेकिन हमारी सरकार बसें खरीदती रहेगी, साथ ही उन्होंने विजेंद्र गुप्ता के लिए कहा कि काला अक्षर भैंस बराबर। मंत्री कैलाश गेहलोत ने सदन में पूरे घटनाक्रम को गिनाया, उन्होंने कहा कि 20 मार्च 2020 में 1000 बसों का टेंडर हुआ, 19 अगस्त 2020 को AMC टेंडर किया गया और अक्टूबर में टेंडर खोला गया। मंत्री ने कहा कि अगर बसों को सुचारु रूप से चलाना है तो एनुअल मेंटिनेंस कॉन्ट्रैक्ट (AMC) का भी ध्यान रखना होगा। बता दे कि दिल्ली विधानसभा में बसों की ख़रीदारी को लेकर बीजेपी और आप पार्टियों के बीच हंगामा जारी है।