संभल में कटान से बचकर भागी भैंस के सामने पुलिस बेबस नजर आई। बौखलाई भैंस ने कोतवाली परिसर में घुसकर जमकर उत्पात मचाया। और कोतवाली में घुसी भैंस ने दरोगा पर हमला भी कर दिया। कोतवाली में मौजूद पुलिस कर्मी भाग खड़े हुए।
बाइक लेकर कोतवाली पहुंचे दरोगा को भैंस ने सींगों पर उठाकर पटक दिया। बड़ी मुश्किल से दरोगा को भैंस से बचाया गया। भैंस ने दर्जनभर वाहनों को तोड़ दिया।
घटना उस समय कि है जब कोतवाली में रविवार की सुबह लगभग 11 बजे पुलिसकर्मी अपने कार्य में लगे हुए थे। कोतवाली में कुछ पीड़ित भी अपनी समस्याओं को लेकर खड़े हुए थे। अचानक एक भैंस कोतवाली में घुस आई। भैंस ने पुलिस की मौजूदगी में कोतवाली परिसर में खड़े वाहनों को सींगों से पलटना शुरू कर दिया। भैंस ने एक के बाद एक कोतवाली में खड़े दर्जनभर दोपहिया और चार पहिया वाहनों को पलटा क्षतिग्रस्त कर दिया।
छुरी देखकर भाग कड़ी हुई भैंस
भैंस को बेकाबू देख पुलिसकर्मी जान बचाने भाग खड़े हुए और आवासों और कार्यालयों में छिपने को मजबूर हो गए। इसी दौरान भैंस के उत्पात से बेखबर दरोगा शिवप्रताप सिंह बाइक लेकर कोतवाली में पहुंचे। इससे पहले की दरोगा कुछ समझ पाते भैंस ने उन पर हमला कर उन्हें जमीन पर पटक दिया। भैंस के हमले में दरोगा शिवप्रताप सिंह घायल हो गए। आनन फानन में पुलिस कर्मी किसी तरह उन्हें भैंस के कब्जे से छुड़ाकर भाग गए। घायल दरोगा का इलाज कराया गया हैं।
बताया जा रहा है कि कोतवाली क्षेत्र के एक घर में भैंस का वध करने की तैयारी की जा रही थी। जिसके लिए भैंस को बांधा गया था, लेकिन छुरी देखकर वह रस्सती तोड़कर भाग कड़ी हुई। भैंस का कटान करने वाला भी काफी दूर तक उसके पीछे भगा, लेकिन जब भैंस कोतवाली में जा घुसी तो वह डरकर से वापस लौट गया।
पुलिस कर्मियों ने संभाला मोर्चा
कोतवाली में पहले तो पुलिस कर्मी खुद को भैंस से बचाने के लिए भाग खड़े हुए, लेकिन जब भैंस ने दरोगा पर हमला कर उन्हें घायल कर दिया, तो पुलिस कर्मियों को लगा कि अब भैंस को काबू नहीं किया तो वह दूसरे पुलिस कर्मियों पर भी ऐसे ही हमला करेंगी। इसके बाद कोतवाली में मौजूद पुलिसकर्मियों ने भैंस की घेराबंदी कर ली और लाठी-डंडे लेकर भैंस को कोतवली से दौड़ा दिया।
आधा घंटा भैंस ने कोतवाली में किया तांडव
अचानक कोतवाली में घुसी भैंस ने आधे घंटे तक कोतवाली के अंदर ऐसा उत्पात मचाया कि पुलिस कर्मियों की सांसें थम गई। कोतवाली में भैंस भागते हुए जिस तरफ जाती उसी तरफ सन्नाटा पसर जाता था। हालात ऐसे थे कि कई फरियादी भी बाद में आएंगे, कहकर कोतवाली से भाग गए।