नई दिल्ली। काफी लंबे समय से दिल्ली के जंतर-मंतर पर कर्ज माफी के लिए प्रदर्शन कर रहे तमिलनाडु के किसानों ने आखिरकार अपना प्रदर्शन खत्म कर दिया है। रविवार(23-04-17) को अपना प्रदर्शन खत्म करते हुए किसानों ने केंद्र सरकार को आगाह किया है कि अगर उनकी मांगें पूरी नहीं की गई तो वो 25 मई से दोबारा प्रदर्शन करेंगे। किसानों के प्रदर्शन के खत्म होने का मुख्य कारण तमिलनाडु के सीएम पलानीसामी की उनसें की गई मुलाकात को बताया जा रहा है।
मिल रही जानकारी के मुताबिक मुख्यमंत्री के आश्वासन के बाद किसानों ने एक महीने के लिए अपना धरना प्रदर्शन स्थगित कर दिया है। किसानों ने कहा कि अब वह घर लौट जाएंगे, लेकिन मांगे पूरी न हुईं तो वे वापस दिल्ली लौटकर धरना प्रदर्शन शुरू कर देंगे।
नीति आयोग की बैठक में हिस्सा लेने के लिए आए पलानीसामी ने किसानों से मुलाकात कर आश्वासन दिलाया था कि वो पीएम मोदी से मुलाकात करके उनकी समस्याओं को जल्द खत्म करने के लिए बातचीत करेंगे।
मूत्र पीकर किया था विरोध
बात दें कि कर्ज के बोझ तले दबे तमिलनाडु के किसानों ने 22 अप्रैल को अपना मूत्र पीकर विरोध किया था। मूत्र पीने के दौरान किसानों ने सरकार को मल खाकर विरोध जताने की धमकी भी दी थी। बता दें कि सूखे के चलते कर्ज के बोझ में दबे 100 किसान यहां 14 मार्च से प्रदर्शन कर रहे हैं।
सुप्रीम कोर्ट की फटकार
महीने की 13 तारीख को देश की सर्वोच्च अदालत ने भी किसानों की आत्महत्या के मामले को लेकर तमिलनाडु सरकार को फटकार लगा चुकी है। कोर्ट ने खुद इस बात को माना था कि किसानों की हालत बेहद चिंताजनक है। अदालत के मुताबिक ऐसे स्थितियों में सरकार की जिम्मेदारी है कि वह अपने नागरिकों का ख्याल रखे।
किसानों की दुर्दशा
दरअसल तमिलनाडु में किसानों की स्थिति इस वक्त वेहद ही चिंताजनक है सूखे के कारण उन्हें बेहद गंभीर परिस्थियों का सामना करना पड़ा रहा है। दक्षिण-पश्चिमी मानसून और पूर्वोत्तर मानसून सामान्य से 60 फीसदी बरसा है। इसके साथ ही किसानों के ऊपर कर्ज का बोझ भी लगातार बढ़ाता ही जा रहा है। जिसकी वजह से वो सरकार से कर्ज माफी के साथ राहत पैकेज की भी मांग कर रहे थे।
आशु दास