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भारत और चीन में चल रहे तनाव के बीच हो रहा ब्रिक्स सम्मेलन, जानें किन मुद्दों पर होगी चर्चा

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नई दिल्ली। भारत और चीन के बीच पिछले 6 महीने पूर्व पूर्वी लद्दाख की सीमा पर हुई झड़प के बाद दोनों देशों में तनाव का माहौल बना हुआ है। इसी बीच आज ब्रिक्स देशों का सम्मेलन होने जा रहा है। आज भारत, चीन, रूस, ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका ब्रिक्स सम्मेलन में शामिल होंगे। इस सम्मेललन में आतंकवाद, व्यापार, स्वास्थ्य, ऊर्जा के साथ ही कोरोना महामारी के चलते हुए नुकसान की भरपाई के उपायों जैसे मुद्दों पर चर्चा होगी। इस बैठक में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ—साथ चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग, ब्राजील के राष्ट्रपति जेयर बोलसोनारो और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का भी इस बैठक में शामिल होना प्रस्तावित है। 17 नवंबर यानी आज हो रही इस बैठक का विषय वैश्विक स्थिरता, साझा सुरक्षा और नवप्रवर्तक विकास है।

13वें ब्रिक्स सम्मेलन की मेजबानी करेगा भारत-

बता दें कि ब्रिक्स देशों का यह सम्मेलन ऐसे समय में हो रहा है जब इसके दो प्रमुख सदस्य देशों भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में सीमा पर छह महीने पहले हुई एक हिंसप झड़प के बाद गतिरोध बरकरार है। अब दोनों पक्ष ऊंचाई वाले इलाकों से सैनिकों को पीछे हटाने के प्रस्ताव पर काम कर रहे हैं। हाल ही में प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति शी का शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की बैठक के दौरान डिजिटल माध्यम से आमना-सामना हुआ था। विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि राष्ट्रपति पुतिन के निमंत्रण पर प्रधानमंत्री मोदी रूस की मेजबानी में हो रही ब्रिक्स देशों के 12वें शिखर सम्मेलन में शामिल होंगे। विदेश मंत्रालय ने कहा कि बैठक में अगले ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के लिए भारत को अध्यक्षता सौंपी जाएगी। भारत 2021 में होने वाले 13वें ब्रिक्स देशों के शिखर सम्मेलन की मेजबानी करेगा। इससे पहले भारत ने 2012 और 2016 में ब्रिक्स देशों के शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता की है। बैठक भारतीय समयानुसार शाम 4.30 बजे शुरू होगी. पूरी बैठक मीडिया के लिए उपलब्ध होगी।

क्या है BRICS-

ब्रिक्स को एक प्रभावी संगठन माना जाता है जो विश्व की कुल आबादी के आधे हिस्से का प्रतिनिधित्व करता है। ब्रिक्स देशों का संयुक्त रूप से सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) 16.6 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि बैठक में शामिल नेता आपसी सहयोग और आतंकवाद, व्यापार, स्वास्थ्य, ऊर्जा के साथ ही कोरोना महामारी के चलते हुए नुकसान की भरपाई के उपायों जैसे मुद्दों पर चर्चा करेंगे।

 

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