लखनऊ। राजधानी स्थित भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर पीड़ितों के समस्याओं की जनसुनवायी के लिये बना जन सहयोग केन्द्र महीनों से ठप चल रहा है। दूर से आये पीड़ितों को खाली हाथ निराश होकर लौटना पड़ रहा है। प्रदेश को समस्या से मुक्त कराने को लेकर सरकार व संगठन के संयुक्त आह्वान पर भाजपा के मुख्यालय पर जनसुनवायी के लिये जन सहयोग केन्द्र की स्थापना की गयी है। इसके पीछे भाजपा रणनीतिकारों की मंशा सरकार, संगठन और जनता के बीच समन्वय के साथ उनकी समस्याओं का समाधान करना भी था।
बता दें इस जनसुनवाई केन्द्र पर आमजन की समस्याओं को सुनने के लिए प्रत्येक दिन योगी सरकार के मंत्रियों की तिथि व दिन तय है। योगी सरकार बनने के बाद इस जनसुनवाई केन्द्र की जरिये हजारों लोगों के समस्याओं का समाधान भी हुआ, लेकिन राजनीति की महत्वाकांक्षा ने जनता की समस्याओं को सुनने व समाधान करने पर भारी है। भाजपा का यह जनसुनवाई केन्द्र बीते दो महीनों से केन्द्र पर ताला लटका हुआ है। संगठन या सरकार का कोई भी व्यक्ति इसकी सुध लेने में दिलचस्पी नहीं ले रहा है। अपनी समस्याओं को लेकर सामाधान के लिये आये पीड़ितों को खाली हाथ लौटना पड़ रहा है।
वहीं एक पीड़ित ने मीडिया से बताया कि बीते एक महीने से पांच बार जनसहयोग केन्द्र पर समाधान के लिये आ चुका हूं, पर निराश होकर लौटना पड़ता है। निकाय चुनाव से पहले एक बार आया था तो निकाय चुनाव की व्यस्तता के चलते बंद कर दिये जाने की बात कही गयी थी, पर अभी भी बंद है। वहीं समाधान के लिये भटकते हुए अन्य पीड़ितों ने भी अपनी व्यथा सुनायी। कहा कि समस्याओं को सुनाने के लिये इसके अलावा और कोई दरबार भी नहीं है, जहां जाकर अपनी समस्या को सुनाया जा सके। जनसुनवाई के लिये बने जन सहयोग केन्द्र को इस तरह बन्द करके गरीबों व पीड़ितों को परेशान करने काम किया जा रहा है।
साथ ही प्रदेश प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने बताया कि निकाय चुनाव के मद्देनजर जनसहयोग केन्द्र को बंद किया गया है। संगठन व सरकार के लोग चुनाव को सही व निष्पक्ष ढंग से संपन्न कराने में व्यस्त थे। बताया कि बहुत ही जल्द प्रदेश अध्यक्ष डॉ. महेन्द्रनाथ पांडेय के निर्देश पर पुनः प्रारम्भ किया जायेगा।