राष्ट्रपति बने एनडीए के रामनाथ कोविंद
उपराष्ट्रपति परिणाम आने के बाद एक तरफ जहां खुशी का माहौल बना तो दूसरी तरफ गम के बादल भी साए। देश में राष्ट्रपति चुनाव आने से पहले ही यह तय माना जा रहा था कि लंबे समय से जिस पार्टी ने हार का मुंह नहीं देखा तो वह पार्टी अब भी हार का मुंह देखने के लिए तैयार नहीं है। जब एनडीए के उम्मीदवार के तौर पर बिहार के राज्यपाल रामनाथ कोविंद के नाम पर मुहर लगी तभी से यह साफ हो गया था कि इस पद के लिए एनडीए के उम्मीदवार रामनाथ कोविंद ही विजय रथ पर सवार होंगे। लेकिन किसी ने भी यह नहीं सोचा था कि रामनाथ कोविंद की इतनी जबरदस्त जीत होगी की सबके होश उड़े रह जाएंगे।
17 जुलाई सोमवार को हुई राष्ट्रपति पद के लिए वोटिंग के बाद गुरुवार को जब मतगणना हुई तो सुबह से ही बीजेपी के समर्थकों में शुखी का माहौल देखा जा रहा था। सुबह 11 बजे से शुरु हुई मतगणना करीब साढ़े चार बजे खत्म हो गई। मतगणना खत्म होने के बाद जैसा की सभी लोगों को पता था वैसा ही हुआ। और सबकी उम्मीदों के तहत रामनाथ कोविंद विजय रथ पर सवार हो गए। राष्ट्रपति चुनाव में रामनाथ कोविंद को 7,02,044 वोट मिले जबकि दूसरी तरफ विपक्ष की साझा उम्मीदवार मीरा कुमार को काफी कम 3,67,314 वोट ही मिल पाए। इससे विरोधियों का मुंह बंद हो गया था। विरोधी लगातार बीजेपी के खिलाफ बयानबाजी कर अपना वोट बैंक बनाने में लगे रहे लेकिन अंत में परिणाम सामने आने के बाद विपक्षियों की सारी मेहनत पर पानी फिर गया।
बिहार के राज्यपाल रहे रामनाथ कोविंद की जीत की औपचारिक घोषणा होने से पहले ही रामनाथ कोविंद के परिवार के लोग जीत का जश्न मनाने लग गए। लेकिन जब रामनाथ कोविंद की औपचारिक तौर पर जीत की पुष्टी की गई तो यहां अलग ही माहौल देखने को मिल रहा था। बिहार में रामनाथ कोविंद की जीत पर लोग दिवाली मनाते हुए नजर आ रहे थे। लोगों का कहना है कि हमें गर्व है कि पहले रामनाथ कोविंद सिर्फ बिहार के राज्यपाल हुआ करते थे लेकिन अब वह पूरे देश के राष्ट्रपति की कुर्सी को संभालने वाले हैं। लोगों का कहना है कि यह जीत ना सिर्फ रामनाथ कोविंद की जीत है बलकि यह जीत बिहार के लोगों की भी जीत है। रामनाथ कोविंद की जीत बिहार के लोगों के लिए एक बड़ी कामयाबी है।