बिलकिस बानो गैंगरेप केस में 11 दोषियों की रिहाई 15 अगस्त को हो चुकी है। इस रिहाई के खिलाफ अब बिलकिस बानो ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल की है।
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बिलकिस ने सुप्रीम कोर्ट के उस आदेश पर दोबारा विचार करने की मांग कि है जिसमें कोर्ट ने कहा था कि दोषियों की रिहाई के मामले में 1992 में बने नियम लागू होंगें। इसी नियम के आधार पर 11 दोषियों की रिहाई हुई है। मामले को आज चीफ जस्टिस के सामने रखा गया। उन्होंने कहा कि वह विचार करेंगे कि रिव्यू पेटिशन को उसी बेंच के सामने लगाया जाए।
आपको बता दें कि 13 मई को सुप्रीम कोर्ट ने एक दोषी की याचिका के मामले में कहा था कि सजा 2008 में मिली थी, इसलिए रिहाई के लिए 2014 में गुजरात में बने कड़े नियम नहीं बल्कि 1992 के नियम लागू होंगे। गुजरात सरकार ने इसी आधार पर 14 साल की सजा काट चुके लोगों को रिहा किया था।
इस पूरे मामले पर अब बिलकिस दोबारा विचार की बात कह रही हैं। बिलकिस का कहना है कि मुकदमा महाराष्ट्र में चला, तो नियम भी वहां के लागू होंगे गुजरात के नहीं।
15 अगस्त को हुई रिहाई
दरअसल, इस मामले के 11 दोषियों को गुजरात की भाजपा सरकार ने सजा को माफ कर दिया था। जिसके बाद दोषियों को 15 अगस्त को गोधरा उप-कारागार से छोड़ा गया था। इसके बाद से ही राज्य और केंद्र सरकार पर सवाल खड़े होने लगे थे। विपक्ष ने भी इसे लेकर सरकार को खूब घेरा था। बिलकिस ने भी इस फैसले की आलोचना करते हुए कहा था कि न्यायपालिका से उनका भरोसे को तोड़ दिया है।