बिहार। बिहार की सत्ता में इन दिनों खलबली मची हुई है। राष्ट्रपति चुनाव आने से पहले ही बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने एनडीए के राष्ट्रपति उम्मीदवार रामनाथ कोविंद को समर्थन देने का ऐलान किया था। नीतीश कुमार के इस फैसले के बाद से ही चारों तरफ से उन्हें घेरा जा रहा है। ऐसे में कभी लालू यादव की तरफ से तो कभी कांग्रेस की तरफ से नीतीश कुमार की आलोचनाएं हो रही है। इन दिनों बिहार की सत्ता में बयानबाजी का सिलसिला चर्चा का केंद्र बना हुआ है। कभी नीतीश कुमार पर बयानबाजी की जा रही है तो कभी नीतीश कुमार की तरफ से तीखी प्रतिक्रियाएं दी जा रही है।
इसी कड़ी में एक बार फिर से नीतीश कुमार का बयान सामने आया है। इस बार उन्होंने अपने बयान से कांग्रेस पर हमला बोला है। उनका कहना है कि उन्होंने राहुल गांधी से कहा है कि कांग्रेस एक बड़ी पार्टी है, वह पहले पहल करें और एंजेंडा तैयार करें। उनका कहना है कि सिर्फ एकता की बात करने से काम नहीं चलता है। उनका कहना है कि साझा मोर्चा बनाने के लिए पहले एजेंडा तैयार करने की जरूरत है। सीएम नीतीश कुमार का साफ तौर पर कहना है कि जो वादें किए गए हैं उनका मकसद उन्हें पूरा करना है।
उनका कहना है कि पार्टी को सबसे ज्यादा वक्त आगे का एजेंडा बनाने के लिए देना चाहिए ना की विपक्ष के खिलाफ रणनीति बनाने पर पार्टी को ज्यादा ध्यान देना चाहिए। उनका कहना है कि सभी पार्टियों के अलग अलग विचार होते हैं। उनका कहना है कि राष्ट्रपति चुनाव मामले को इतना ज्यादा तूल नहीं दिया जाना चाहिए कि किसानों को मुद्दा ही भटक जाए। उनका कहना है कि राष्ट्रपति चुनाव के मुद्दे को खासा तूल दिया जा रहा है, इससे किसानों का मुद्दा पीछे छूट गया है। उन्होंने कहा कि किसानों का मुद्दा पीछे नहीं छुटना चाहिए था।
उनका कहना है कि बिहार का गठबंधन अटूट है और उन्हें सुशील मोदी द्वारा दिए गए बयानों में कोई भी खासा दिलचस्पी नहीं है। उन्होंने बताया कि पार्टी को एजेंडा बनाना चाहिए और जनता को पार्टी के वैकल्पिक एजेंडे के बारे में जानकारी दी जानी चाहिए। उन्होंने बताया कि जो बाते पार्टी के अंदर होती है वह पार्टी के अंदर ही रहनी चाहिए। साथ ही उन्होंने साफ किया है कि वह साल 2019 में पीएम के पद के दावेदार नहीं हैं। आपको बता दें कि रविवार को नीतीश कुमार ने पटना में कार्यकारिणी के सदस्यों को संबोधित किया था। इस दौरान उन्होंने साफ तौर पर कह दिया था कि वह किसी के भी पिछलग्गू नहीं है। हालांकि इन दिनों बिहार की सत्ता में खासा कलह का माहौल देखा जा रहा है। कभी कांग्रेस की तरफ से नीतीश कुमार को घेरा जा रहा है तो कभी नीतीश कुमार कांग्रेस के खिलाफ होते दिखाई दे रहे हैं।