नई दिल्ली। प्रदेश की डिप्लोमा तथा इंजीनियरिंग कॉलेजों में अगले सत्र से अंग्रेजी माध्यम के अलावा हिंदी माध्यम में भी पुस्तकें उपलब्ध होने लगेंगी। हाल ही राज्य के तकनीकी शिक्षा निदेशालय द्वारा दिए महत्वपूर्ण सुझावों को मानते हुए एआईसीटीई (ऑल इंडिया काउसिंल फार टेक्नीकल एजूकेशन) ने इसे मान्यता दे दी है।
गौरतलब है कि उच्च शिक्षा मंत्री किरण माहेश्वरी ने उच्च शिक्षा का दायित्व संभालने के बाद से ही शिक्षा के क्षेत्र में नवाचार करने शुरू कर दिए थे। उन्होंने कहा कि राज्य के तकनीकी शिक्षा निदेशालय ने अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद को कुछ खास सुझाव दिए थे, जिनमें इंजीनियरिंग की पढ़ाई अंग्रेजी के साथ हिंदी माध्यम से कराया जाना भी एक सुझाव था। उन्होंने कहा कि एआईसीटीई ने इस सुझाव को तुरंत मानते हुए अगले सत्र से इंजीनियरिंग की किताबें हिंदी माध्यम से उपलब्ध कराने की स्वीकृति दे दी।
उच्च शिक्षा मंत्री ने कहा कि इस निर्णय से न केवल राष्ट्रभाषा हिंदी को प्रोत्साहन मिलेगा वहीं ग्रामीण छात्रों को सीधा लाभ मिलेगा, साथ ही यह पहल तकनीकी क्षेत्र में नवाचार के साथ मील का पत्थर साबित होगी। उन्होंने कहा कि अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद अब हिंदी में राष्ट्रीय स्तर का जर्नल भी प्रकाशित करेगी। इससे राष्ट्रीय तथा अन्तरराष्ट्रीय लेखकों के लेख भी हिंदी के पाठकों को मिलने लगेंगे। इन लेखों में उत्कृष्ट लेखों का चयन कर लेखकों को पुरस्कृत भी किया जाएगा और हिंदी में तकनीकी पुस्तकों के लेखकों को भी प्रोत्साहित करने की योजना एआईसीटीई द्वारा बनाई गई है।