जोधपुर। केन्द्र सरकार की ओर से जीएसटी कानून लागू करने के विरोध में भारतीय उद्योग व्यापार मंडल, नई दिल्ली के आह्वान पर शुक्रवार को भारत व्यापार बंद के समर्थन में जोधपुर में सभी प्रतिष्ठान बंद रहे। मंडोर और बासनी कृषि मंडी भी बंद रही। चार दिन से बंद कपड़ा बाजार के समर्थन मेंअन्य व्यापारिक संगठन भी इस बंद में शामिल हो गए। बंद के दौरान अत्यावश्यक सेवाओं जारी रखी गई है। राजस्थान खाद्य पदार्थ व्यापार संघ की ओर से तीन जुलाई तक राज्य की सभी मंडियों में व्यापारिक कारोबार बंद रखने का निर्णय लिया गया। मंडोर मंडी खाद्य पदार्थ व्यापार संघ के अध्यक्ष राजेंद्र परिहार ने बताया कि जीएसटी के विरोध समर्थन किया जाएगा।
बता दें कि अखिल भारतीय कपड़ा व्यापार संघर्ष समिति एवं राजस्थान कपड़ा महासंघ के निर्देशानुसार जिला कलेक्ट्रेट के बाहर धरना दिया जा रहा है।घरने को संबोधित करते हुए संघ के अध्यक्ष बहादुरचंद मणोत ने बताया कि जीएसटी में सरकार ने 75 लाख रुपए तक के टर्न ओवर वाले कारोबारियों के लिए कंपोजिशन स्कीम का विकल्प दिया है। इसके साथ जो शर्तें जोड़ी हैं, वे हैरान करने वाली हैं। व्यापारी को बिल पर तो इसका उल्लेख करना ही होगा, साथ ही दुकान में भी कंपोजिशन स्कीम में पंजीकृत होने का बोर्ड लगाने की अनिवार्यता रखी गई है। यह निर्णय हास्यास्पद है।
जोधपुर इलेक्ट्रिकल मशीनरी डीलर्स एसोसिएशन (जेमडा) के आह्वान पर जोधपुर के समस्त इलेक्ट्रिकल मशीनरी डीलरों ने अपना कारोबार बंद कर विरोध प्रदर्शन किया। जोधपुर इलेक्ट्रिकल मशीनरी डीलर्स एसोसिएशन के सचिव अनिल गोयल ने बताया कि जीएसटी में कृषि सिंचाई उपकरणों, इलेक्ट्रिक स्विच गियर, वायर और केबल पर 28 प्रतिशत जीएसटी लगाने के विरोध में ऑल इण्डिया ट्रेडर्स एंड इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के आह्वान पर शुक्रवार को समस्त व्यापारियों ने अपना व्यापार बंद कर विरोध प्रदर्शन किया। जोधपुर फर्नीचर एसोसिएशन ने भी बंद का समर्थन किया है। बंद के दौरान कमोडिटी, ज्वैलर्स शोरूम, खुदरा दुकानें, फल-सब्जी समेत अधिकांश व्यापार ठप रहा।