नई दिल्ली। बसपा प्रमुख मायावती का दलितों को लेकर दिए गए बयान पर निशाना साधते हुए केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान ने आज कहा कि उनका दलित होना उन्हें भ्रष्टाचार में संलिप्त होने का लाइसेंस नहीं देता है और उन्हें कानून को अपना काम करने देना चाहिए। पासवान ने उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री पर नोटबंदी के बाद बसपा के बैंक खाते में कथित तौर पर 104 करोड़ रूपये जमा कराने को लेकर आलोचना की और कहा कि यह दुखद है।
उन्होंने संवाददाताओं से कहा, मेरी पार्टी लोजपा दलितों के लिए काम करती है। हमारे सात लोकसभा सांसद हैं और लोजपा के बैंक खाते में कुल रकम एक लाख तीन हजार 198 रूपये हैं। दलित की बेटी होना आपको भ्रष्टाचार करने का लाइसेंस नहीं देता। उन्हें कानून को अपना काम करने देना चाहिए और अधिकारी उनकी पार्टी के खाते की जांच करें।
पासवान ने कहा, वह ही क्यों? उनकी आय का स्रोत क्या है? वह डरी हुई क्यों हैं? उन्हें एजेंसियों को सभी खाते और जमा की जांच करने देना चाहिए।
उन्होंने कहा कि बसपा के बैंक खाते की जांच अंतिम नहीं है बल्कि पहला अध्याय है और जल्द ही और ब्यौरा सामने आएगा। उन्होंने कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, राजद और कुछ अन्य क्षेत्रीय दलों द्वारा नोटबंदी के खिलाफ चलाए गए संयुक्त कार्यक्रम पर भी निशाना साधा।