- एजेंसी, नई दिल्ली
दैनिक भास्कर से बातचीत में गोवा विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष राजेन्द्र आर्लेकर ने बताया कि मैं रविवार (17 मार्च) डेढ़ बजे मनोहर जी से मिलने गया था। वो उस वक्त होश में थे। मैंने उनसे तबीयत के बारे में पूछा तो वो मुझसे काम की बातचीत करने लगे। हालांकि वो अच्छे से नहीं बोल पा रहे थे लेकिन फिर भी लगातार कुछ न कुछ बोलने की कोशिश कर रहे थे। वहीं साथ ही में मौजूद डॉक्टर उनको बात न करने की हिदायत दे रहे थे। ऐसे में मैं वहां से लौट आया। लेकिन जैसे ही मैं वापसी में ऑफिस पहुंचा कि उनके देहांत की खबर आ गई।
कैंसर का नहीं पड़ा काम पर असर:
राजेन्द्र आर्लेकर कहते हैं कि उन्हें एक साल पहले ही पता लगा था कि उनको कैंसर है। लेकिन इस बात का असर उनके काम पर नाम मात्र का ही पड़ा। वे इलाज के लिए अमेरिका गए। लेकिन वहां से भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग कर काम की मॉनीटरिंग करते रहते। वो अक्सर कहते थे कि अगर मैं बैठ जाऊंगा तो बीमार हो जाऊंगा। शायद इसलिए वह कड़ी धूप में भी निर्माणधीन पुल का जायजा लेने पहुंच गए थे। कैंसर के बाद भी जिस दिन वह ऑफिस नहीं आ पाते उस दिन घर से ही काम करते थे। घर पर मंत्रिमंडल की बैठक लेते थे।
पसीने से लथपथ होकर पुलिसवालों के साथ ट्रैफिक कंट्रोल कर रहे थे:
एक किस्से का जिक्र करते हुए राजेन्द्र आर्लेकर ने बताया कि 2004 के फिल्म फेस्टिवल में सब मेहमान भी हैरान रह गए थे जब पर्रिकर पसीने से लथपथ होकर पुलिसवालों के साथ ट्रैफिक कंट्रोल कर रहे थे। वहीं बेटे की शादी में सब सूट-बूट में थे तो वहीं पर्रिकर हाफ शर्ट, क्रीज वाली साधारण पैंट और सैंडिल में मेहमानों की आवभगत कर रहे थे।