संवाददाता, मुम्बई। राज ठाकरे के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) ने आगामी लोकसभा चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया है। 2006 में पार्टी की स्थापना के बाद यह पहली बार है जब पार्टी ने राज्य में संसदीय चुनाव लड़ने से परहेज करने का फैसला किया है। मनसे नेता शिरीष सावंत ने रविवार को इस संबंध में एक बयान जारी कर जानकारी दी। हालांकि राज ठाकरे 19 मार्च को रैली का आयोजन करेंगे, जिसमें वे शरद पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) को समर्थन दे सकते है। पार्टी अपने वोट शेयर में गिरावट और पार्टी नेताओं के पलायन के साथ राज्य में धीरे-धीरे लोकप्रियता खो रही है।
मनसे का चुनावी प्रदर्शन भी पिछले कुछ चुनावों से प्रभावशाली नहीं रहा है। मनसे जिसे 2006 में स्थापित किया गया था ने 2009 में एक गैर-पंजीकृत पार्टी के रूप में अपनी शुरुआत की थी। यह 2009 के लोकसभा चुनाव में राज्य में 4।07 प्रतिशत वोट प्राप्त करने में कामयाब रही। इतना ही नहीं माणसे ने 13 सीटें जीत अपनी एक अलग पहचान बनाई और 2009 के चुनावों में 5।71 प्रतिशत वोट प्राप्त किया।
इस प्रदर्शन के आधार पर पार्टी को राज्य पार्टी के रूप में मान्यता मिल गई। इसके बाद से पार्टी की लोकप्रियता गिरती जा रही है। 2014 लोकसभा चुनाव में पार्टी ने एक भी सीट नहीं जीती थी। पार्टी ने 9 उम्मीदवार उतारे थे। इसके बाद के महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में भी, मनसे 250 सीटों में से केवल एक सीट जीतने में सफल रही। महाराष्ट्र में 4 चरणों में लोकसभा चुनाव होने हैं। 11, 18, 23 और 29 अप्रैल को महाराष्ट्र में वोटिंग होगी।