Breaking News featured देश धर्म

इस समय करें होलिका दहन, जाने क्यों किया जाता है होलिका दहन

holi 2 Reu इस समय करें होलिका दहन, जाने क्यों किया जाता है होलिका दहन

नई दिल्ली। आज यानि की एक मार्च को देशभर में होलिका दहन का त्योहार मनाया जा रहा है, वहीं शुक्रवार को देशभर में रंगों का त्योहार होली मनाया जाएगा। बता दें कि इस बार होलिका दहन प्रदोषकाल में होगा और प्रदोषकाल में होलिका दहन का शुभ मुहुर्त 7 बजकर 40 मिनट से रात 9 बजकर 20 मिनट तक है क्योंकि इसके बाद भद्रा लग जाएगा और भद्रा में होलिका दहन करना अशुभ माना जाता है। हिंदू धर्म के पंचाग के मुताबिक फाल्गुन मास की पूर्णमा से एक दिन पहले होलिका दहन किया जाता है और इसे कई स्थानों पर छोटी होली भी कहा जाता है। पंचाग के अनुसार होलिका दहन भद्रा काल में नहीं किया जाना चाहिए क्योंकि ये अशुभ माना जाता है। कहा जाता है कि होलिका दहन फाल्गुन मास की पूर्णिमा को होना चाहिए और इस साल फाल्गुन मास की पूर्णमा एक मार्च को पड़ रही है।
holi 2 Reu इस समय करें होलिका दहन, जाने क्यों किया जाता है होलिका दहन

धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, होलिका दहन उस समय सबसे शुभ माना जाता है जब पूर्णिमा तिथि हो, प्रदोष काल हो और भद्रा काल समाप्त हो गया हो और संयोग से इस इस बार ये तीनों चीजें एक साथ हो रही हैं। यानि इस बार होलिका दहन का मुहूर्त बहुत शुभ है। बता दें कि धुलण्डी यानि रंगोंत्साव से एक दिन पहले होलिका दहन किया जाता है। होलिका दहन अच्छाई की जीत का प्रतीक है और इसके पीछे एक पुराणिक कथा प्रचलित है। कथानुसार, प्राचीन काल में हिरण्यकश्यप नाम का एक अत्यंत बलशाली असुर था, जोकि अपने आपको भगवान मानता था और अपनी प्रजा को मजूबर करके अपनी पूजा करवाया करता था, लेकिन उस का खुद का बेटा प्रहलाद उसे भगवान मानने को तैयार नहीं था, बल्कि वो तो स्वयं श्रीहरि को ही अपना ईशवर मानता था।

प्रहलाद का अपने प्रति ये दुश्साहस उसे बर्दाश नहीं हुआ और उसने अपनी बहन होलिका से उसे मारने को कहा। प्रहलाद की बूआ होलिका को आग में न जलने का वरदान प्राप्त था, लेकिन वो ये भूल गई थी कि जब वो आग में अकेली घिरी होगी तब ही उससे बच सकती है और वो आग में प्रहलाद को लेकर बैठ गई। वहीं प्रहलाद भगवान श्रीहरि को जपता-जपता अपनी बूआ के साथ आग में बैठ गया और इसके बाद होलिका तो जलकर भस्म हो गई, लेकिन प्रहलाद सही सलामत आग से बाहर आ गया इसलिए ईश्वर के असीम भक्त प्रहलाद की याद में होली का त्योहार मनाया जाता है।

Related posts

बालाकोट में हमले पर सवाल, सेटेलाइट तश्वीर में पहले जैसा ही है जैश का मदरसा

bharatkhabar

गोवा के राज्यपाल ने रखी राम मंदिर में शबरी और केवट की मूर्तियां रखने की मांग

Rani Naqvi

कहीं आपके फोन में तो नहीं है फर्जी एंड्राइड ऐप, ऐसे लगाएं पता

Aditya Mishra