चेन्नई। कांची कामकोटि पीठ के प्रमुख शंकराचार्य जयेंद्र सरस्वती को आज महासमाधी दी जा रही है। उनके अंतिम संस्कार में तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ई-पलानीस्वामी और दक्षिण की कई बड़ी हस्तियां शामिल हुई, जिनमें केंद्रीय मंत्री सदानंद गौड़ा भी शामिल हैं। उनकी महासमाधि से पहले एक लाख लोगों ने उनका आखिरी दीदार किया। आपको बता दें कि 82 वर्षिय शंकराचार्य जयेंद्र सरस्वती का बुधवार को लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया था। दरअसल बुधवार को उन्हें सांस लेने में दिक्कत आ रही थी, जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती करवाया गया था जहां उन्होंने अपनी अंतिम सांस ली। वहीं उनके आखिरी दर्शन के लिए मठ में उनके शव को रखा गया था जहां पूरे विधिविधान के साथ उनकी महासमाधि की तैयारी की गई।
जयेंद्र सरस्वती की बात करें तो इनका जन्म 18 जुलाई 1935 को तत्कालिन समय के तंजावुर में हुआ था और इन्होंने महज 19 साल की उम्र में साल 1954 में ही पीठ की जिम्मेदारी शंकराचार्य के रूप में संभाल ली थी और ये मठ के 69वें शंकराचार्य थे। वहीं अब इनके निधन के बाद जयेंद्र के शिष्य विजेंद्र सरस्वती को कांची पीठ का नया शंकराचार्य बनाया गया है। जयेंद्र सरस्वती के निधन पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू, पीएम मोदी और राहुल गांधी ने शोक जताया और उन्हें श्रद्धांजलि दी। राष्ट्रपति ने कहा कि देश ने एक आध्यात्मिक नेता और समाज सुधारक को खो दिया है। दरअसल उन्होंने समाज के निचले स्तर पर खड़े लोगों को भी मठ में आने की इजाजत दी थी।
नायडू ने ट्वीट किया कि कांची पीठाधिपति श्री जयेंद्र सरस्वती को मेरी श्रद्धांजलि। उन्होंने मोक्ष प्राप्त किया। मानव कल्याण और आध्यात्मिकता के प्रसार में उनका योगदान अन्य लोगों के लिए हमेशा प्रेरणा बना रहेगा। मोदी ने कहा कि वह कांची कामकोटि पीठ के शंकराचार्य के निधन से दुखी हैं। मोदी ने शंकराचार्य के साथ अपनी एक तस्वीर साझा करते हुए ट्वीट किया कि वह अपनी अनुकरणीय सेवा और नेक विचारों की वजह से लाखों भक्तों के दिलो-दिमाग में जीवित रहेंगे। उन्होंने गरीबों और वंचितों के जीवन में बदलाव लाने वाले संस्थानों का विकास किया।