लखनऊ: उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस काफी तेजी से लोगों को अपनी चपेट में ले रहा है। इस बार मौत के आंकड़े भी बहुत ज्यादा सामने आ रहे हैं। लखनऊ में श्मशान घाट और अस्पताल की स्थिति बिल्कुल खराब है। जगह और सामान दोनों की कमी साफ-साफ देखी जा रही है।
लखीमपुर और गोंडा से हो रहा लकड़ी का इंतजाम
श्मशान घाट पर शव जलाने के लिए लकड़ी का इंतजाम बड़ी मशक्कत के बाद हो रहा है। जलावन की लकड़ी लखीमपुर और गोंडा से मंगवाई जा रही है। यहां आस-पास के क्षेत्रों में आसानी से लकड़ी की उपलब्धता न होने के कारण यह निर्णय लिया गया। वन विभाग ने लकड़ी की सप्लाई पूरी करने के लिए जिम्मा उठाया है। आंकड़ों के अनुसार अब तक लखीमपुर से डेढ़ हजार क्विंटल, गोंडा से करीब 1000 कुंटल और बहराइच से 1000 क्विंटल लकड़ी लखनऊ भेजी जा चुकी है।
प्रशासन ने दिया वन निगम को आदेश
लगातार हो रही लकड़ी की कमी के चलते प्रदेश सरकार ने दूसरे इंतजामों की तरफ देखना शुरू किया। इसी क्रम में निगम के कर्मचारियों को राजधानी में लकड़ी उपलब्ध करवाने का आदेश दिया गया। लखनऊ नगर निगम की तरफ से इस बारे में पूरी जानकारी उत्तर प्रदेश वन निगम विभाग को दी गई। जिसके बाद मांग के अनुसार आगे की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। पिछले 2 दिनों से लगातार ट्रक भरकर लकड़ी राजधानी लखनऊ में भेजी जा रही है, जिनका इस्तेमाल शवों को जलाने के लिए किया जा रहा है।
चारों तरफ बिगड़ा माहौल
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में स्थिति काफी बिगड़ती हुई दिखाई दे रही है। श्मशान घाट में अभी भी लंबी लाइन देखने को मिल रही है, इसके अलावा गोमती नदी के किनारे भी शव जलाने का इंतजाम कर लिया गया है। विद्युत शवदाह गृह सही तरीके से संचालित ना होने के कारण लकड़ी से भी शव जलाने की योजना बनाई गई। जिसके बाद कई तरह के इंतजाम करके इस प्रक्रिया को पूरा किया जा रहा है।
वही संक्रमण पर लगाम लगाने के लिए रविवार को प्रदेश भर में लॉकडाउन लगाया गया, जबकि पूरे हफ्ते नाइट कर्फ्यू लगाने का आदेश पहले ही दिया जा चुका है। ऐसे में स्थिति कितना नियंत्रित होती है, यह तो समय ही बताएगा। लेकिन अभी भी आम लोगों से लगातार घर पर रहने, मास्क का इस्तेमाल करने और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने की बात कही जा रही है।