हर साल बाबा बर्फानी के दर्शन के लिए लाखों लोगों की भीड़ जाती थी।लेकिन इस बार कोरोना वायरस संकट को देखते हुए
श्रीनगर। हर साल बाबा बर्फानी के दर्शन के लिए लाखों लोगों की भीड़ जाती थी। लेकिन इस बार कोरोना वायरस संकट को देखते हुए अमरनाथ के दर्शन ऑनलाइन कराने की व्यवस्था की गई है। इस साल अमरनाथ के दर्शन ऑनलाइन कराए जा रहे हैं। जिसको लेकर सुबह-शाम बाबा बर्फानी के दर्शन का सीधा प्रसारण कियाजा रहा है। जिसके जरिए श्रद्धालु बाबा बर्फानी के दर्शन ऑनलाइन कर रहे हैं। वहीं खबर ये भी है कि बाबा दर्शन के दौरान बाबा बर्फानी की बर्फ भी पिघलनी शुरू हो गई है।
बता दें कि अमरनाथ से कुछ ऐसी तस्वीरें सामने आई हैं जिसमें ये साफ तौर पर देखा जा सकत है कि अमरनाथ शिवलिंग पिघलना शुरू हो गया है। श्रद्धालु इस नज़ारे के दर्शन भी ऑनलाइन कर सकते हैं। बता दें कि बाबा बर्फानी की पहली तस्वीरें सामने आई हैं जो की काफी खूबसूरत है।
तस्वीरों को देखकर कोई भी बाबा बर्फानी में खओ जाएगा। तस्वीरों में बाबा बर्फानी के सामने का नजारा साफ नजर आ रहा है। जिसमें गुफा के अंदर बर्फ से पूरा शिवलिंग बना हुआ है और वो अब धीरे-धीरे पिघल रहा है। हालांकि ये तस्वीरें किसने ली हैं ये पता नहीं चल पाया है।
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वहीं अमरनाथ यात्रा 23 जून को शुरू होनी थी लेकिन कोरोना संकट को देखते हुए अभी तक ये फैसला नहीं लिया गया है कि अमरनाथ यात्रा निकाली जाए या नहीं। 22 अप्रैल को अमरनाथ श्राइन बोर्ड ने यात्रा को कैंसिल करने के लिए एक प्रेस रिलीज जारी की थी। जिसे बाद में वापस ले लिया था।
वहीं सूत्रों के मुताबिक हर साल 46 दिन चलने वाली अमरनाथ यात्रा को 15 दिन करने का प्रस्ताव दिया है। जिसमें ये भी साफ तौर पर बताया गया है कि यात्रा सिर्फ बालटाल रूट से करवाई जाए। जबकि यात्रा का रूट पहलगाम, चंदनवाड़ी, शेषनाग, पंचतरणी से होकर जाता है
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क्या हुआ था 22 अप्रैल को
अमरनाथ यात्रा होगी या नहीं होगी इसे लेकर जम्मू के राजभवन में 22 अप्रैल को हां-ना-हां-ना का दौर चला। पहले राजभवन ने अमरनाथ यात्रा कैंसिल करने की जानकारी जारी की और फिर उस जानकारी वाली प्रेस रिलीज को ही कैंसिल कर दिया। और घंटेभर बाद तीसरी प्रेस रिलीज जारी कर सफाई देते हुए कहा कि आज की तारीख में यात्रा करवाना संभव नहीं है लेकिन यात्रा होगी या नहीं इसका फैसला बाद में लेंगे।
वहीं जम्मू कश्मीर में 407 पॉजिटिव मरीज हैं जिनमें से 351 सिर्फ कश्मीर से हैं। तय कार्यक्रम के मुताबिक इस यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन 1 अप्रेल को शुरू होने थे। यात्रा शुरू होने के महीने पहले रूट से बर्फ हटाने का काम हो जाता है जबकि इस बार वहां अभी भी कई फीट बर्फ मौजूद है। इससे पहले पिछले साल केंद्र सरकार ने सुरक्षा का हवाला देते हुए धारा 370 हटाने के ठीक 3 दिन पहले अगस्त में अमरनाथ यात्रा रोक दी थी। यात्रा रुकने से पहले 3.5 लाख लोग पवित्र गुफा में दर्शन कर चुके थे।