देहरादून। राज्य सरकार द्वारा उत्तराखंड की उन्नति और प्रगति के लिए आए दिन अथक प्रयास किए जा रहे हैं। इसके साथ ही राज्य की तस्वीर बदलने के लिए कई तरह की योजनाएं भी चलाई जा रही है। इसी बीच बड़ी खबर सामने आ रही है। 2020 तक नए भारत का निर्माण करने के लिए पीएम मोदी के विजन के तहत विश्व स्तरीय ट्रांसपोर्ट इस्ंटाफक्चर के निकास को प्राथमिकता दी गई है। जिसके चलते अब दिल्ली से देहरादून की दूरी घटने वाली है। जिसके चलते आप मात्र ढाई घंट में दिल्ली से देहरादून पहुंच सकेंगे। इसके साथ ही दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेस-वे की लंबाई 210 किमी हैं। जानकारी के अनुसार यह एक्सप्रेस-वे 13 हजार करोड़ की लागत से तैयार हो रहा है। जिसके चलते सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने केन्द्रीय मंत्री सड़क परिवहन एवं राजमार्ग नितिन गडकरी जी और केन्द्रीय राज्य मंत्री सड़क परिवहन एवं राजमार्ग जनरल वीके सिंह जी का भी प्रदेश की जनता की ओर से आभार व्यक्त करता किया है।
एक्सप्रेस-वे पर प्रवेश और निकास के लिए 7 इंटरचेंज और 60 अंडरपास-
बता दें कि दिल्ली से देहरादून जाने वाला एक्सप्रेस-वे उत्तरी-पूर्वी दिल्ली, गाजियाबाद, बागपत, शामली, मुजफ्फरनगर, सहारनपुर तथा देहरादून के जिलों से गुजरेगा। इस एक्सप्रेस-वे का पहला सेक्शन दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे से अकक्षरधाम मंदिर के पास से शुरू होगा। बागपत के पास ईपीई पर समाप्त होगा। 32 किमी. में से 18 किमी. एलवेटिड रोड जो शास्त्री पार्क, खजूरी खास और मंडोला से होकर गुजरेगी। इसके साथ ही इस हाइवे को 6 लाइन कैरेज में और 6 लाइन सर्विस रोड के साथ एक्सिस कंट्रोल बनाया जाएगा। इसके साथ ही इस एक्सप्रेस-वे के बनने से उत्तरी-पूर्वी दिल्ली का जाम से निजात मिलेगी। यह यूपी सरकार को ट्रोनिका सिटी और मंडोला बिहार डब्लपमेंट के लिए लाइफ लाइन साबित होगा। इसके साथ ही दूसरे सेक्शन में ईपीई का्रसिंग के बाद यह 6 लेन एक्सप्रेस-वे 118 किमी. लंबा ग्रिनफिल्ड मार्ग होगा। जो सहारनपुर बाइपास से जुड़ जाएगा। इसके साथ ही दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेस वे पर प्रवेश और निकास के लिए 7 इंटरचेंज और 60 अंडरपास को रखा गया है। इसके साथ ही एक्सप्रेस-वे पर क्लोल डोर प्रणाली, सीसीटीवी कैमरो से पूरे हाइवे की निगरानी की जाएगी। इसके साथ ही हाइवे के 25 से 30 किमी. अंतराल पर जन सुविधाएं बनाई जाएंगी।
इस हाइवे पर होगी 100 किमी. प्रति घंटा की गति-
वहीं इस हाइवे के तीसरे सेक्शन के अंतर्गत सहारनपुर बाइपास से गणेशपुर के 40 किमी. एक्सेस कंट्रोल सुरक्षा और 100 किमी. प्रति घंटा की गति को सुनिश्चित करते हुए कार्य पूरे किए जाएंगे। इसके साथ ही इस हाइवे का चैथा सेक्शन गणेशपुर से देहरादून तक है। जिसका 6 किमी. का भाग मौजूदा अलाइनमेंट से होकर गुजरेगा। इसके साथ ही बाकी बचा हुआ 14 किमी. एलिवेटिड रोड और टनल के रूप में बनाया जाएगा। एलिवेटिड रोड और अंडरपास के द्वारा जानवरों से खतरा कम हो जाएगा। वर्तमान में मौजूदा हाइवें डांट की देवी टनल से होकर गुजरता है। इसके साथ ही इस टनल के साइड में एक और टनल बनाई जाएगी। इस हाइवे का तकरीबन 4 किमी. का हिस्सा उत्तराखंड में है। जिसका ज्यादातर भाग सामान्य भूमितल से ऊंचा रहेगा। ताकि अंडरपास के द्वारा वन्य जावों आवगमन बना रहे। इसके साथ ही 6 लेन 12 किमी. लंबा वाइल्ड लाइफ कोरिडोर भारत ही नहीं बल्कि एशिया का सबसे लंबा बाइल्ड लाइफ कोरिडोर है। इसके साथ ही दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेस-वे के निर्माण में भूमि अधिग्रहण, पर्यावरण समर्थन प्रक्रिया अपने अग्रिम चरण में है। इसके साथ ही वन एंव वन्य जीवों प्रस्ताव को मंजूरी मिल गई है। इसके साथ ही इस हाइवे का 2 साल में निर्माण करना प्रस्तावित है।