दिल्ली से सटे गुरूग्राम में जुमे की नमाज अता करने को लेकर उपजे विवाद पर प्रशासन और मुस्लिम समाज के बीच सहमति बन गई है। बृहस्पतिवार को प्रशासन और मुस्लिम समाज ने 4 घंटे की मीटिंग के बाद 37 जगहों पर पुलिस की निगरानी में नमाज अता करने पर सहमति बनी है। हालांकि मुस्लिम समाज प्रशासन के इस फैसले से खुश नहीं है।
जुमे की नमाज अता करने के लिए प्रशासन की तरफ से 37 जगहों को चिन्हित किया गया है जिनमें से 13 जगह सार्वजनिक होंगी और 24 जगह ऐसी होंगी जो कि ईदगाह है या फिर वक्फ बोर्ड की जमीन है लेकिन इस बात को लेकर मुस्लिम समाज नाखुश है। मुस्लिम समाज ने नमाज अता करने के लिए 125 जगहों की लिस्ट प्रशासन को सौंपी थी जिनमें से केवल 37 जगहों पर ही नमाज अता करने के लिए सहमति बनी है। जिनमें से 13 जगह सार्वजनिक होंगे जैसे हुडा विभाग की जमीन, ए पाक या ग्रीन बेल्ट जबकि 24 ऐसी जगह होंगी जो कि ईदगाह है या फिर वक्फ बोर्ड की जमीन है लेकिन इस बात को लेकर मुस्लिम समाज नाखुश है। मुस्लिम नेता शहजाद खान के मुताबिक यह वही 13 जगह हैं जिन पर नमाज अदा करने के लिए सहमति बनाई गई है जिनमें गुरुग्राम में
मौलसरी एवेन्यू रैपिड मेट्रो स्टेशन,
मार्बल मार्किट सिकंदरपुर,
हुडा पार्किंग सेक्टर-29,
विजी पार्किंग सेक्टर-29,
पार्किंग अपोज़िट इफको टावर सेक्टर-29,
मोनार्क टावर प्लाट नम्बर 4 सेक्टर 44,
सेक्टर 47 अपोज़िट विजिलेंस आफिस,
हुडा पार्किंग सेक्टर-56,
समृद्धि वाटिका गोल्फ कोर्स रोड सेक्टर- 55,
बंगाली बोस सेक्टर-49,
ईदगाह,
अंजुमन मस्जिद रॉकलैंड अस्पताल मानेसर,
हमदर्द मानेसर,
बास गांव मानेसर के पास,
HSIDC की पार्किंग की पार्किंग,
हनुमान चौक से शंकर चौक पर आने जाने वाली ग्रीन बेल्ट पर,
एसेम्बली पार्क में ,
शनि मंदिर के आगे वाले बेस्ट पार्क सेक्टर-18,
SRL कंपनी के सामने प्लाट नम्बर 63 सेक्टर -18 जैसे स्थानों पर नमाज़ पढ़ने के लिए गुरुग्राम पुलिस ने मुस्लिम समाज के साथ बैठकर सहमति बना ली है । हालांकि इस बाबत जब गुरुग्राम पुलिस कमिश्नर से बात करनी चाही तो उन्होंने कैमरे पर कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया ।
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गौरतलब है कि इनमें गुरुग्राम के सेक्टर 53 का वो खाली प्लॉट भी शामिल है, जहां पिछले महीने लोगों को नमाज पढ़ने को लेकर विवाद बढ़ गया था। इन संगठनों के लोगों द्वारा सिकंदरपुर, इफ्को चौक, अतुल कटारिया चौक, एमजी रोड और साइबर पार्क के नजदीक स्थित एक प्लॉट के पास भी विरोध जताया गया।
बता दें कि मुसलमानों में जुमे की नमाज का विशेष महत्व है। इस्लाम धर्म को मानने वाले पांच टाइम की नमाज करते हैं लेकिन जो लोग रोज नमाज नहीं पढ़ पाते वह शुक्रवार के दिन मस्जिद जाकर अल्लाह की इबादत करते हैं, इसलिए इस दिन लोग ज़ौहर की नमाज यानि कि दोपहर की नमाज मस्जिद में पढ़ना जरूरी होता है, जिस कारण भारी भीड़ की वजह से मस्जिद के बाहर सड़क पर ही लोग नमाज अदा करते हैं। हिंदू संगठनों ने इसी बात को लेकर आपत्ति जताई है।