हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर ने दिल्ली से सटे गुरुग्राम में सार्वजनिक स्थलों पर नमाज पढ़ने को लेकर चल रहे विवाद पर अपनी चुप्पी तोड़ी है। बता दैं कि हिंदी संगठनों ने शुक्रवार को सार्वजनिक स्थलों पर नमाज पढ़ने को लेकर आपत्ति जताई थी। सीएम खट्टर ने कहा कि नमाज सार्वजनिक जगहों पर नहीं बल्कि मस्जिद या ईदगाह में पढ़ी जानी चाहिए।
सीएम ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में पत्रकारों द्वारा इस मुद्दे पर पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए कहा कि कानून व्यवस्था को बनाए रखना सरकार का काम है। खुले में नमाज की घटनाएं आजकल बढ़ी हैं। नमाज मस्जिद या ईदगाह में पढ़ी जानी चाहिए, बजाय कि सार्वजनिक स्थलों के। खट्टर कल से इस्रायल और यूके के दौरे पर जा रहे हैं। उन्होंने इसी की जानकारी देने के लिए प्रेसवार्ता बुलाई थी जिसमें पत्रकारों ने उनसे गुरुग्राम की घटना का जिक्र करते हुए सवाल पूछे थे।
आपको बता दें कि हिंदू संठगनों ने शुक्रवार की नमाज को लेकर आपत्ति जताई थी। इन्होंने 10 जगहों पर खुले में जुमे की नमाज पढ़ने पर रोक लगाई थी। इसके साथ इन्होंने प्रशासन को चोतावनी देते हुए कहा था कि यदि इन्हें (मुसलमानों) सार्वजनिक स्थलों पर खुले में नमाज पढ़ने से नहीं रोका गया तो ये लोग विरोध करते रहेंगे।
गौरतलब है कि इनमें गुरुग्राम के सेक्टर 53 का वो खाली प्लॉट भी शामिल है, जहां पिछले महीने लोगों को नमाज पढ़ने को लेकर विवाद बढ़ गया था। इन संगठनों के लोगों द्वारा सिकंदरपुर, इफ्को चौक, अतुल कटारिया चौक, एमजी रोड और साइबर पार्क के नजदीक स्थित एक प्लॉट के पास भी विरोध जताया गया।
बता दें कि मुसलमानों में जुमे की नमाज का विशेष महत्व है। इस्लाम धर्म को मानने वाले पांच टाइम की नमाज करते हैं लेकिन जो लोग रोज नमाज नहीं पढ़ पाते वह शुक्रवार के दिन मस्जिद जाकर अल्लाह की इबादत करते हैं, इसलिए इस दिन लोग ज़ौहर की नमाज यानि कि दोपहर की नमाज मस्जिद में पढ़ना जरूरी होता है, जिस कारण भारी भीड़ की वजह से मस्जिद के बाहर सड़क पर ही लोग नमाज अदा करते हैं। हिंदू संगठनों ने इसी बात को लेकर आपत्ति जताई है।