मुबंई। जैसा कि सभी जानते है कोरोना महामारी के दौर में बाॅलीवुड अभिनेता सोनू सूद लाॅकडाउन में फंसे लोगों के लिए मसीहा बनकर आए थे। कोरोना काल में सोनू सूद द्वारा किए गए कार्यो की लोगों की खूब तारीफें की थी। इसी बीच अब बृह्नमुंबई महानगरपालिका (BMC) द्वारा सोनू सूद को बिना इजाजत अवैध रूप से ढांचागत बदलाव करने पर नोटिस जारी किया था। जिसके बाद अब अभिनेता ने बंबई हाई कोर्ट का रुख किया है। सूद ने वकील डी पी सिंह के जरिये पिछले हफ्ते अदालत में दायर अपनी याचिका में कहा था कि उन्होंने छह मंजिला शक्तिसागर इमारत में कोई अवैध या अनधिकृत निर्माण नहीं कराया है।
ये है पूरा मामला-
बता दें कि बीएमसी ने पिछले हफ्ते जुहू पुलिस थाने में शिकायत देकर कथित तौर पर बिना अनुमति आवासीय इमारत को होटल में तब्दील करने के आरोप में प्राथमिकी दर्ज करने की मांग की थी। बीएमसी ने पुलिस को शिकायती पत्र तब दिया जब उसने इमारत के निरीक्षण करने पर कथित तौर पर यह पाया कि सूद द्वारा निर्देशों का अनुपालन नहीं किया गया है और पिछले साल अक्टूबर में नोटिस दिए जाने के बावजूद वह अवैध निर्माण कार्य जारी रखे हुए हैं। हालांकि पुलिस ने अब तक प्राथमिकी दर्ज नहीं की है। इसके साथ ही बंबई हाई कोर्ट के न्यायाधीश पृथ्वीराज चव्हाण की एक सदस्यीय पीठ सोमवार को उनकी याचिका पर सुनवाई करेगी।
बीएमसी द्वारा जारी नोटिस को रद्द करने का अनुरोध-
वहीं सोनू सूद के वकील सिंह ने कहा है कि याचिकाकर्ता (सूद) ने इमारत में ऐसा कोई बदलाव नहीं कराया है जिसके लिए बीएमसी की अनुमति जरूरी हो। केवल वे बदलाव ही किए गए हैं जिसकी महाराष्ट्र क्षेत्रीय एवं नगर योजना (एमआरटीपी) अधिनियम के तहत अनुमति है। याचिका में पिछले साल अक्टूबर में बीएमसी द्वारा जारी नोटिस को रद्द करने और इस मामले में अभिनेता के खिलाफ किसी दंडनात्मक कार्रवाई से अंतरिम राहत देने का भी अनुरोध किया गया है।