गोंडा: गोंडा जिले में उस समय अफरातफरी मच गई जब एक साथ एक दर्जन सिलेंडरों में भीषण आग लग गई। इस आग से सिलेंडरों में विस्फोट होने लगा और पूरे इलाके में दहशत फैल गई। तेज धमाके की आवाज सुनकर लोग कांप उठे और इधर-उधर भागने लगे।
वहीं घटना की जानकारी मिलते ही भारी संख्या में पुलिस और दमकल विभाग की टीम मौके पर पहुंची और कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। घटना के बाद पूरे इलाके को खाली करा लिया गया है।
अवैध तरीके से हो रही थी गैस की रिफिलिंग
बता दें कि उमरी बेगमगंज के आदमपुर बाजार में एक दुकानदार गैस रिफिलिंग का काम करता है। रविवार को गैस रिफिलिंग के दौरान एक सिलेंडर ने आग पकड़ ली। इसके बाद देखते ही देखते दुकान में रखे दूसरे सिलेंडरों ने भी आग पकड़ ली। आग लगते ही दुकानदार वहां से भाग खड़ा हुआ। इसके बाद एक-एक करके सिलेंडरों में धमाके होने लगे और पूरा इलाका भीषण आग की लपटों में घिर गया।
एक मोबाइल शॉप और तीन दुकानें जलकर राख
वहीं गैस सिलेंडरों में आग लगने से बगल की एक मोबाइल शॉप जल गई और उसमें रखा सामान जलकर राख हो गया। इसके अलावा इस आग से तीन और दुकानें जलकर खाक हो गईं। वहीं घटना की जानकारी मिलते ही जिलाधिकारी और राजस्व विभाग की टीम मौके पर पहुंची और घटनास्थल का निरीक्षण किया।
डीएम और राजस्व विभाग की टीम ने लिया जायजा
राजस्व विभाग की टीम ने सिलेंडर में हुए विस्फोट से हुए नुकसान का जायजा लिया और लोगों से जानकारी हासिल की। बताया जा रहा है कि इस दुकान में 40 सिलेंडर रखे हुए थे, जिनसे गैस की रिफिलिंग की जाती थी। हादसे के बाद गैस रिफिलिंग करने वाली दुकान पूरी तरीके से जल गई है। फिलहाल इस घटना से किसी भी तरह के जान-माल के नुकसान की कोई खबर नहीं है। वहीं पुलिस ने जांच में अवैध तरीके से गैस रिफिलिंग करने की बात कही है। पुलिस ने कहा कि जो भी दोषी होगा उस पर कार्रवाई की जाएगी।
मुनाफे के चक्कर में मोल लेते हैं खतरा
गौरतलब है कि रसोई गैस के सिलेंडर से एलपीजी गैस के छोटे सिलेंडरों में ये गैस भरी जाती है। इस काम को स्थानीय दुकानदार अवैध तरीके से इस काम को अंजाम देते हैं। इस काम में जरा सी चूक से बड़ा हादसा हो सकता है।
छोटे सिलेंडरों को ऊंचे दामों पर बेचा जाता है और बड़े सिलेंडरों से इसमें गैस भर दी जाती है। इस दौरान जो तरीका अपनाया जाता है वो खतरे से खाली नहीं होता है। इससे हर वक्त सिलेंडर में आग लगने का खतरा बना रहता है। वहीं छोटे सिलेंडरों की टंकी को भी काफी कमजोर बनाया जाता है इससे भी इसमें विस्फोट का खतरा बना रहता है।
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