नई दिल्ली। एक ओर जहां कांग्रेस का आरोप है कि केंद्र ने कश्मीर पर बातचीत के सभी दरवाजे बंद कर दिये हैं। वहीं पार्टी के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने मोदी सरकार की कश्मीर नीति को चरमपंथी नीति करार दिया।
पी. चिदंबरम ने जम्मू एवं कश्मीर में अशांति की स्थिति के लिए केंद्र को जिम्मेदार ठहराते हुए रविवार को कहा कि घाटी के लोग दो चरम स्थितियों बीच फंसे हुए हैं।
चिदंबरम ने ट्वीट किया, ‘कश्मीर घाटी के लोग दो चरम परिस्थितियों के बीच फंसे हुए हैं| केंद्र सरकार ने एक चरम रुख अपनाया हुआ है, जिससे समस्या और बिगड़ गई है, वैसे ही जैसे आतंकवादियों का रुख चरम है, जिसे खारिज करने की जरूरत है।
1/5 On many occasions in the past I had cautioned that the Kashmir issue or problem (or by whatever name it is called) was a festering wound
— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) July 16, 2017
चिदंबरम ने लगातार पांच ट्वीट किए हैं, जिनमें उन्होंने कहा है, ‘इसका नतीजा जम्मू एवं कश्मीर के लोगों और राज्य के भविष्य को भुगतना पड़ रहा है।
2/5 The people of the Kashmir Valley are caught between the two maximalist positions.
— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) July 16, 2017
चिदंबरम ने अगले ट्वीट में कहा, ‘मैंने पहले भी कई मौकों पर चेतावनी दी थी कि कश्मीर मुद्दा या समस्या (इसे जो भी नाम दिया जाए) एक नासूर बन चुका है।‘
5/5 The casualties are the people of J&K (especially those in the Valley) and the future of the state.
— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) July 16, 2017
उल्लेखनीय है कि चिंदबरम के ये ट्वीट जम्मू एवं कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की शनिवार को केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात के बाद आए हैं।
जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने शनिवार को ही गृह मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात कर बताया कि राज्य में बाहरी ताकतें परेशानियां पैदा कर रही हैं। महबूबा ने राज्य में कानून-व्यवस्था खासकर अमरनाथ तीर्थयात्रियों की सुरक्षा के बारे में सिंह से चर्चा के दौरान यह जानकारी दी। दोनों नेताओं की लगभग एक घंटे तक चली इस मुलाकात में कश्मीर घाटी में अशांति, अमरनाथ तीर्थयात्रियों पर हुए आतंकी हमले के बाद राज्य में कानून व्यवस्था के लिये केन्द्र सरकार की ओर से उठाए गए कदमों पर चर्चा हुई।