featured शख्सियत

मैं जब मर जाऊं तो मेरी अलग पहचान लिख देना लहू से मेरी पेशानी पर हिंदुस्तान लिख देना…

rahat 1 मैं जब मर जाऊं तो मेरी अलग पहचान लिख देना लहू से मेरी पेशानी पर हिंदुस्तान लिख देना...

भारत के मशूहर शायर राहत इंदौरी का आज दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया है। इससे पहले आज सुबह ही उन्होंने ट्विट करके खुद के कोरोना से संक्रमित होने की जानकारी दी थी।

rahat मैं जब मर जाऊं तो मेरी अलग पहचान लिख देना लहू से मेरी पेशानी पर हिंदुस्तान लिख देना...
राहत इंदौरी वो कलाकार थे जो अपने अंदाज में झूमकर इस कला को बखूबी अंजाम देते थे। डॉ. राहत इंदौरी के शेर हर लफ्ज़ के साथ मोहब्बत की नई शुरुआत करते थे, यही नहीं वो अपनी ग़ज़लों के ज़रिए हस्तक्षेप भी करते हैं। व्यवस्था को आइना भी दिखाते हैं। कोरोना से जंग के दौरान आज उनका निधन हो गया। लेकिन वो अपनी कला और शेर और शायरी में हमेशा जिंदा रहेंगे।
चलिए आपको उनकी कुछ खास शेरों से रूरू करवाते हैं
बहुत ग़ुरूर है दरिया को अपने होने पर
जो मेरी प्यास से उलझे तो धज्जियाँ उड़ जाएँ

नए किरदार आते जा रहे हैं
मगर नाटक पुराना चल रहा है

रोज़ तारों को नुमाइश में ख़लल पड़ता है
चाँद पागल है अँधेरे में निकल पड़ता है

मैं आख़िर कौन सा मौसम तुम्हारे नाम कर देता
यहाँ हर एक मौसम को गुज़र जाने की जल्दी थी

बीमार को मरज़ की दवा देनी चाहिए
मैं पीना चाहता हूँ पिला देनी चाहिए

बोतलें खोल कर तो पी बरसों
आज दिल खोल कर भी पी जाए

मैं ने अपनी ख़ुश्क आँखों से लहू छलका दिया
इक समुंदर कह रहा था मुझ को पानी चाहिए

शाख़ों से टूट जाएँ वो पत्ते नहीं हैं हम
आँधी से कोई कह दे कि औक़ात में रहे..

https://www.bharatkhabar.com/sachin-pilot-returns-to-congress-know-how-it-became/

राहत इंदौरी हमेशा अपनी इन शायरियों में जिंदा रहेंगे।

Related posts

कांग्रेस ने पीएम मोदी के जन्मदिन को बेरोजगार दिवस के रूप में मनाया

Rani Naqvi

Coronavirus India Update: कोरोना की रफ्तार में ब्रेक, 715 दिन बाद सामने आए 1000 से कम नए कोरोना केस

Neetu Rajbhar

मध्य प्रदेश में रेप के मामले में अदालत ने चार्जशीट दाखिल होने के 24 घंटे के अंदर सजा का ऐलान कर मिसाल कायम

Rani Naqvi