नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी की उत्तर प्रदेश में मौजूद योगी सरकार ने 6 माह का कार्यकाल पूरा किया है। करीब 15 सालों के लम्बे अन्तराल के बाद सत्ता में आई बीजेपी के लिए अपने आप को जनता के बीच साबित करने का ये एक बड़ा मौका है। सूबे की योगी सरकार ऐसे मौके को हाथ से कैसे जाने दे सकती है। इसलिए सरकार के 6 माह के कार्यकाल के पूरा होने पर विपक्ष की प्रतिक्रिया आये इसके पहले सीएम योगी के बीते सोमवार को एक श्वेत-पत्र जारी किया। इस श्वेतपत्र के जरिए उन्होने बीती सरकारों के कार्यकाल के दौरान हुई खामियों इस श्वेतपत्र के जरिए जनता के सामने लाने की कोशिश की है। इसमें इन सरकारों की 25 खामियों का जिक्र किया गया है। 24 पन्नों के इस श्वेत पत्र में मुलायम सिह, मायावती और अखिलेश यादव के कार्यकाल और इस दौरान हुए बड़े कारनामों पर सरकार की खामियों का उल्लेख इस श्वेत पत्र में हुआ है।
इस श्वेत पत्र के जरिए सूबे की योगी सरकार ने मायावती और अखिलेश यादव के कार्यकाल की सरकार पर बड़ा हमला बोला है।अखिलेश यादव के कार्यकाल की सरकार पर आरोप लगाते हुए इस श्वेतपत्र में कहा गया है कि इस सरकार के कार्यकाल के दौरान भू-माफियाओं को पनाह दी गई, जेल अपराधियों के लिए आरामगाह बने, किसान कर्जदार हो गए, इसके साथ ही गोमती रिवर फ्रंट बनाने में हुई गड़बड़ी का जिक्र भी किया गया है। इसके साथ ही यूपी लोक सेवा आयोग में चयन और भ्रष्टाचार के साथ, वीआईपी इलाकों में बिजली देना के अलावा यशभारती सम्मान का जिक्र भी श्वेत पत्र में आया है।
सूबे की मायावती की बसपा सरकार के कार्यकाल का जिक्र करते हुए योगी सरकार की ओऱ से जारी श्वेत पत्र में कहा गया है कि इस सरकार के दौरान सरकार के धन का दुर्पयोग केवल स्मारकों को बनाने में किया गया। इन स्मारकों को बनाने की लागत इतनी बढ़ी की बनते-बनते ये 483 फीसदी बढ़ गई। इसके साथ ही माया सरकार के दौरान चीनी मिलों का बिक्री के अलावा बहु चर्चित एनआरएचएम मामले के अलावा शराब बिक्री के ठेका के साथ राशन बाजार में हुई गड़बड़ी का भी जिक्र किया गया है।
योगी सरकार की ओऱ से जारी किए गए श्वेत पत्र में इन सरकारों के दैरान हुई इन गड़बड़ीयों और फिजूलखर्ची के साथ इस दौरान भ्रष्टाचार और अनावश्यक योजनाओं के जरिए जनता के धन बर्बादी का जिक्र कर विपक्ष पर जमकर निशाना साधा गया है। इसके साथ ही योगी सरकार ने प्रदेश के विकास पर लगे अंकुस का जिम्मेदार इन 14 सालों में सूबे पर राज करने वाली सरकार के सिर-माथे पर जड़ दिया है।