नई दिल्ली। सूबे के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ के गृह जनपद जहां से अब तक वो सांसद रहे हैं यानी गोरखपुर में अचानक बाबा राघवदास मेडिकल कॉलेज में 23 बच्चों समेत 30 लोगों की मौत के बाद अब बवाल खड़ा हो गया है। सूबे में आदित्यनाथ की सरकार जरूरी स्वास्थ्य सेवाओं को अपने एजेन्डे में लेकर चल रही है। लेकिन जब मुख्यमंत्री आदित्यनाथ के गृह-जनपद के मेडिकल कॉलेज में ही लोगों की अचानक मौते हो रही हों तो सेवाओं पर और सरकार की मंशा पर सवाल उठना लाजमी है।
सूत्रों की माने तो ये मौते अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी के चलते हुई हैं। लेकिन सरकार और अस्पताल प्रशासन ये मानने को तैयार ही नहीं है। उसका कहना है कि ये सभी मौते दिमागी बुखार के चलते हुई हैं। माना जाता है कि दिमागी बुखार या जापानी बुखार पूर्वांचल में हर साल मौतों के साथ तरह-तरह की मानसिक अपंगता को भी लेकर आता है।
लेकिन सूत्रों की माने तो अस्पताल में बीते 5 दिनों में 60 मौते हुई हैं। जो सभी आक्सीजन की कमी के चलते हुई हैं। अस्पताल में आक्सीजन की कमी वेंडर का 70 लाख का भुगतान ना किए जाने के चलते हुई है। माना जा रहा है कि इसी भुगतान को लेकर अस्पताल में ऑक्सीजन की सप्लाई रोक दी गई थी। जिसके बाद ये भयावह स्थिति उत्पन्न हुई है।
लेकिन अब इस बात को ना योगी सरकार के मंत्री मानने को तैयार हैं। ना ही अस्पताल प्रशासन अब तक हुई मौतों पर सभी चुप्पी साधे हुए हैं। लेकिन अब तक सरकार को घेरने में नाकाम रहे विपक्ष को सीएम योगी के गृह जनपद में ऑक्सीजन की कमी के चलते हुई इन मौतों ने एक बार फिर ऑक्सीजन देकर जिन्दा कर दिया है।
कुछ चैनलों पर चलाई गई ऑक्सीजन की कमी से पिछले कुछ घंटों में अस्पताल में भर्ती कई रोगियों की मृत्यु की खबर भ्रामक है।
— Government of UP (@UPGovt) August 11, 2017
गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन की कमी से किसी रोगी की मृत्यु नहीं हुई है।
— Government of UP (@UPGovt) August 11, 2017
मृतकों के परिजनों को लाश देकर भगा दिया गया, मृतक का पोस्टमार्टम तक नहीं हुआ है, भर्ती कार्ड भी गायब कर दिया गया है । अत्यन्त दुखद ।
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) August 11, 2017