नई दिल्ली। कृषि कानूनों की रद्द करने की मांग पर अड़े किसानों के आंदोलन को आज 43 दिन हो गए हैं। किसानों और सरकार के बीच बातचीत का दौर चालु है लेकिन काई बीच का रास्ता नहीं निकला दिख रहा है। किसान कानून निरस्त किए जाने पर अड़े हैं आठवें दौर की बातचीत बेनतीजा होने के बाद आठ जनवरी को 9वें दौर की बातचीत होनी है।
9वें दौर की बातचीत से पहले किसान इस बार सरकार को अपनी ताकत का अंदाजा लगवाना चाहते है। किसान संगठनों ने बातचीत से पहले गुरुवार को शक्ति प्रदर्शन के तौर पर ट्रैक्टर मार्च निकाल रहे हैं। इस मार्च में अलग अलग राज्यों सें हजारों की संख्या में किसान पहुंच रहे हैं। किसानों का कहना है कि अगर नौवे दौर की बातचीत में बात नहीं बनी तो हम 26 जनवरी को राजधानी दिल्ली में ट्रैक्टर परेड मार्च निकालेंगे।
आपको बता दें कि हड्डियां गला देने वाली ठंड और बारिश के बीच डटे किसान किसी कीमत पर अपनी मांगें बिना मनवाए वापस जाने के मूड में नहीं हैं। सरकार पर दबाव बढ़ाने के लिए आज 40 किसान संग नेठनों ट्रैक्टर मार्च निकालकर दिल्ली को घेर लिया है। इस मार्च में हजारों किसानों ने शिरकत की है। उनका कहना है कि ये गणतंत्र दिवस की रिहर्सल है। किसानों के इस मार्च को देखते हुए दिल्ली के बॉर्डर की सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है। वहीं आज भी दिल्ली के कई रास्ते बंद रहेंगे।
26 जनवरी को किसानों की परेड मार्च में भाग लेने के लिए जींद में एक महिला ट्रैक्टर चलाना सीख रही है। महिला ने कहा, 26 जनवरी को दिल्ली पहुंचेंगे। अगर सरकार नहीं मानेगी तो ट्रैक्टर.ट्राली लेकर परेड करेंगे, जिसके लिए हम ट्रेनिंग ले रहे हैं। हम बिल्कुल पीछे नहीं हटेंगे।
भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा- “हम किसान मई 2024 तक आंदोलन के लिए तैयार हैं। जब तक सरकार हमारी मांग नहीं मानेगी तब तक हम यहां आंदोलन खत्म नहीं करेंगे।”