नई दिल्ली। भारत के दिग्गज गेंदबाद आशिष नेहरा ने 18 साल तक भारतीय टीम को अपना योगदान देने के बाद अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट से सन्यास ले लिया। आशीष नेहरा के सन्यास को लेकर भारतीय टीम के सिक्सर मैन युवराज सिंह ने नेहरा के साथ बिताए अपने पलों को याद करते हुए कहा कि मेरे एक सच्चे और प्रेरणस्रोत दोस्त ने क्रिकेट से सन्यास ले लिया। सन्यास लेने के पल को जज्बाती पल बताते हुए युवी ने कहा कि सौरव गांगूली( दादा) ने आशु को पोपट नाम दिया था, क्योंकि उनकों हमेशा बोलते रहने की आदत थी और वो किसी भी मौके और विषय पर भी बोल लेते थे।
युवराज ने कहा कि नेहरा इतने मजाकियां हैं कि उनके साथ रहने वाले इंसान कभी बोर नहीं हो सकता, वो अपने चुटकलों से सबको हंसा-हंसाकर लौटपोट कर देते थे। इसलिए मैनें हमेशा उनसे प्रेरण ली है। युवराज ने ये सब बाते अपने फेसबुक पेज पर साझा की। उन्होंने अपने फेसबुक पेज पर लिखा की अगर 38 साल की उम्र में इतनी चोट और ऑपरेशन के बाद वो इतनी तेज गेंद डाल सकते हैं, तो फिर मैं 36 बरस का होकर बेहतरीन बल्लेबाजी क्यों नहीं कर सकता। उनके इसी जज्बे से ंमुझे प्रेरण मिलती है। कैंसर से जंग जीतकर क्रिकेट के मैदान में वापसी करने वाले युवराज ने लिखा कि आशु के कई ऑपरेशन हो चुके हैं, लेकिन अपनी मेहनत और खेलने की ललक के कारण वो आज तक मैदान पर डटे रहे।
युवराज ने 2003 विश्व कप की एक बात साझा करते हुए कहा कि 2003 के विश्व कप के दौरान उनके टखने पर बुरी तरह से चोट लग गई थी और वें इंग्लैंड के खिलाफ अगला मैच खेलने की स्थिति में नहीं थे। टखने में चोट के बावजूद भी उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और इंग्लैंड के साथ खेले जाने वाले मैच को उन्होंने खेलने का मन बनाया। मैदान में उतरने से पहले उन्होंने अगले 72 घंटों में 30-40 बार अपने टखने पर बर्फ की सिकाई की और पेनकिलर खाए। उस मैच में उसने 23 रन देकर छह विकेट लिए और भारत ने इंग्लैंड को 82 रन से हरा दिया। उन्होंने नेहरा के बेबाक रवैये की तारीफ करते हुए कहा कि वे बनावटी नहीं हैं और इसका उन्होंने खामियाजा भी भुगता है।