लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार के मंत्रिमंडल में विस्तार की तैयारी चल रही है। सूत्रों की मानें तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खास और हाल ही में एमएलसी बने आईएएस डॉ अरविंद शर्मा को अहम जिम्मेदारी मिल सकती है।
गौरतलब है कि आईएएस डॉ ए के शर्मा ने वीआरएस लेकर राजनीति में आने का निर्णय लिया था। अटकलें लगाईं जा रहीं थी कि यूपी की नौकरशाही में अनुशासन बनाए रखने के लिए डॉ एके शर्मा को लाया गया था। उन्हें उपमुख्यमंत्री बनाए जाने की खबरें भी खूब चली थीं।
हालांकि, उन्हें एमएलसी तो बना दिया गया लेकिन उसके बाद मामला ठंडा पड़ गया। यूपी के मऊ जिसे से संबंध रखने वाले डॉ एके शर्मा को पंचायत चुनावों में पूर्वांचल की अहम जिम्मेदारी दी गई थी। जहां पर पार्टी को अच्छी सफलता मिली है। ऐसे में उनका परमोशन तय माना जा रहा है।
नौकरशाही पर कसेंगे लगाम
उत्तर प्रदेश में नौकरशाही पर लगातार सवाल खड़े हो रहे हैं। योगी सरकार की छवि बनती जा रही है कि अधिकारी पूरी मनमानी पर लगे हुए हैं। कई बार कार्यकर्ताओं और विधायकों व सांसदों तक ने अधिकारियों की शिकायत की है कि उनकी सुनवाई नहीं होती।
जबकि, 2022 के विधानसभा चुनाव भी करीब आ रहे हैं। ऐसे में नौकरशाही पर लगाम लगाने के लिए डॉ एके शर्मा को और शक्तिशाली बनाया जा सकता है। इतना ही नहीं पूर्वांचल में ढीली पड़ रही पकड़ को भी बीजेपी कसने के मूड में है।
लापरवाह मंत्रियों पर गिर सकती है गाज
मंत्रिमंडल विस्तार में कई मंत्रियों पर तलवारें भी लटकती दिखाई दे रहीं हैं। आरएसएस की अंदरूनी रिपोर्ट के आधार पर इनका कद घटाया भी जा सकता है। वहीं कुछ नए चेहरों को भी मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है। पंचायत चुनावों में अपेक्षित सफलता नहीं दिला पाने वाले मंत्रियों के पर भी कतरे जा सकते हैं।