कोरोना काल में एक तरफ महामारी जान पर भारी है तो वहीं कुछ मनमानियों ने जनता की नींद उड़ा रखी है। इन मनमानियों को को रोकने के लिए राज्य सरकार की ओर से कई कठोर कदम उठाए जा रहे हैं। इन्हीं में से एक है निजी स्कूलों की नकेल कसना।
कोरोना महामारी के चलते सभी स्कूल ऑनलाइन मोड में पढ़ाई को जारी रखे हुए हैं। इसका फायदा उठाते हुए कई स्कूलों ने ट्यूशन फीस में स्पोर्ट्स, कंप्यूटर, लाइब्रेरी आदि के शुल्क को शामिल करते हुए ट्यूशन फीस को बढ़ाया है। जबकि शिक्षा विभाग पहले ही कह चुका है कि इस दौरान स्कूल संचालक ट्यूशन फीस में केवल शिक्षण शुल्क ले सकते हैं।
स्कूलों की इसी मनमानी को लेकर कई शिकायतें शिक्षा विभाग को मिली थीं। जिसपर कार्रवाई करते हुए अब ट्यूशन फीस में मनमानी बढ़ोत्तरी करने वाले संस्थानों के खिलाफ रणनीति बनाई जा रही है। जानकारी के अनुसार विभाग के डीजी शिक्षा विनय शंकर पांडेय ने सभी सीईओ को स्कूलों के फीस ढांचे की जांच करने को कहा है। महानिदेशक शिक्षा ने राज्य में बंद चल रहे स्कूलों की फीस भुगतान की प्रक्रिया को लेकर जरूरी निर्देश जारी किए हैं।
आपको बता दें कि सराकारी आदेश के मुताबिक केवल ऑनलाइन पढ़ाई कराने वाले स्कूल केवल ट्यूशन फीस ही ले सकतें है। इसके अलावा कोई भी फीस नहीं लगाई जा सकती है। साथ ही फीस जमा करने के लिए पर्याप्त वक्त भी देना होगा।