पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा के बयान के बाद अब कई तरफ से बयानों का सिलसिला जारी है। ऐसे में भारतीय मजदूर संघ के महासचिव बृजेश उपाध्याय ने कहा यशवंत सिन्हा राजनीतिक व्यक्ति हैं। उन्होंने कहा कि वह अलग अलग लोगों से अर्थव्यवस्था के बारे में उनके विचार पढ़ते हैं। उन्होंने कहा कि अर्थशास्त्री लोग एकमत नहीं होते हैं।
बृजेश उपाध्याय ने कहा कि वह मजदूर क्षेत्र में हैं और इस क्षेत्र में उनका अलग अलग तरह का अनुभव है। उन्होंने कहा कि इन मुद्दों पर कोई निर्णायक मत बनाना काफी जल्दी है। उन्होंने कहा कि नोटबंदी के कारण करोड़ों लोग नए पीएफ (प्रोविडेंट फंड) में एनरोल हुए हैं। दरअसल अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में मंत्री रहे यशवंत सिन्हा ने तत्काल केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि नोटबंदी ने गिरती हुई जीडीपी में आग में तेल डालने का काम किया है।
यशवंत सिन्हा ने वित्त मंत्री पर आरोप लगाते हुए कहा है कि पीएम मोदी कहते हैं कि उन्होंने गरीबी को काफी करीब से देखा है और अब उनकी सरकार के वित्त मंत्री सभी देशवासियों को गरीबी काफी करीब से दिखाने में लगे हुए हैं। जिस तरह विपक्ष लगातार केंद्र सरकार पर हमलावर हो रखा है उसी तरह बीजेपी के दिग्गज नेता ने कहा कि आज ऐसा वक्त आ गया है कि युवाओं को नौकरी नहीं मिल रही है और विकास के नाम पर कुछ नहीं हो रहा है।
उन्होंने अपनी ही सरकार पर आरोप लगाया कि मोदी सरकार में वित्त मंत्री काफी बड़ा चेहरा हैं लेकिन वक्त ऐसा हो रखा है जहां पर इनवेस्टमेंट और जीडीपी, दोनों ही घट रही हैं। उन्होंने साफ तौर पर आरोप लगयाा है कि जीएसटी को ढंग से लागू नहीं किया गया है जिस कारण व्यापार पर काफी प्रभाव पड़ रहा है। यशवंत सिन्हा ने कहा कि उन्होंने ने भी वित्त मंत्रालय संभाला है और यह काम आसान नहीं होता है। लेकिन जयवंत सिंह और प्रमोद महाजन को अटल बिहारी वायपेयी के करीबी होने के बाद भी उन्हें मंत्री पद नहीं दिया गया था।