रायबरेली। देश के सबसे बड़े सूबे में क्राइम का ग्राफ बढ़ता ही जा रहा है। आए दिन यहां लूट-हत्या जैसी वारदातें सामने आ रही है। अपराधियों पर नकेल कसने के लिए प्रदेश सरकार कई प्रयास कर रही है। लेकिन अपराधियों के दिन प्रतिदिन बढ़ते हौसलों को देखकर यह कहा जा सकता है कि प्रदेश में योगी सरकार को अभी और भी ज्यादा मेहनत करने की जरूरत है। ऐसे में बीते 26 जून 2017 को उत्तर प्रदेश के रायबरेली जिले के अप्टा गांव में पांच ब्राह्मण युवकों की निर्मम हत्या से पूरा प्रदेश दहल उठा। इस वारदात के बाद सूबे में पुलिस प्रशासन एक बार फिर से विवादों के कटघरे में खड़ा हो गया है।
ऐसे में सुनील भराला नि. राष्ट्रीय सह संयोजक भाजपा पीड़ित परिजनों को सांत्वना देने झुग्गी झोपड़ी पहुंचे। सुबह करीब 11 बजे लखनऊ गेस्ट हाउस से अपने समर्थकों के साथ सुनील भराला रायबरेली घटनास्थल की ओर रवाना हुए। लेकिन पुलिस प्रशासन द्वारा जांच की बात कही जाने के बाद उन्हें वहां जाने से रोक दिया गया। संबंधित मामले में पुलिस ने बताया कि आरोपियों ने ब्राह्मण युवकों की बेरहमी से हत्या की है। पुलिस ने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में किसी के दोनों पैर और किसी के हाथ भी कटे हुए मिले हैं। पुलिस ने कहा कि हत्या करने के बाद इसके सबूत मिटाने और इसे दुर्घटना का नाम देने के उद्देश्य से आरोपियों ने उनको गाड़ी सहित जला दिया।
वही घटनास्थल से निकलकर श्री भराला प्रतापगढ़ जिले में पीड़ित परिवारों से मिलने पहुंचे। भराला वहां दो गांवों, देवरा और पंडित पुरवा के चार मृतकों भास्कर मिश्रा, अनूप मिश्रा, रोहित शुक्ला और नरेंद्र शुक्ला के परिजनों से मिले। वहां पहुंच कर भराला ने देखा की वारदात के बाद परिजनों का रो रोकर बुरा हाल हो रखा है। यहां बच्चे समझ नहीं पा रहे हैं कि हुआ आखिर क्या है। एक साजिश के तहत की गई हत्या और उसके बाद सबूत मिटाने के लिए मानवता को शर्मसार कर देने वाले ये दृश्य समाज के लिए काले धब्बे के समान हैं।
श्री भराला ने बताया कि पीड़ित परिवारों को हमारी सरकार द्वारा पांच लाख का मुआवजा और सुरक्षा प्रदान की गई है। उन्होंने बताया कि घटना को दुर्घटना बताने वाले एसपी को हटा दिया गया है जिनकी संदिग्ध भूमिका दिखती है और सच जांच के बाद ही सामने आएगा। भराला ने आश्वासन दिया है कि माननीय मुख्यमंत्री से मिलकर मुआवजे के राशि बढ़ाने और सभी पीड़ित परिवारों के किसी एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की मांग रखी जाएगी। साथ ही उन्होंने बताया कि आने वाले वक्त में ऐसी घटना फिर से सामने ना आए इसके लिए सरकार प्रयास करेगी।