नई दिल्ली। जल ही जीवन है, बिना जल के जीवन की कल्पना ही नहीं कि जा सकती है। इसलिए बेहद जरूरी है कि जल के महत्व को हम समझें और इसे बर्बाद न करें।
पानी हमारे लिए एक ऐसी धरोहर है जिसे आने वाली पीढ़ी के लिए संभालकर रखना बहुत जरूरी है। दुनिया को पानी की जरूरत से अवगत कराने के मकसद से संयुक्त राष्ट्र ने ‘विश्व जल दिवस” मनाने की शुरुआत की थी। हर साल विश्व जल दिवस मनाया जाता है। इस बार इसकी थीम- वेल्यूइंग वॉटर है, जिसका मकसद लोगों को पानी का महत्व समझाना है।
22 मार्च: विश्व जल दिवस
दुनियाभर में 22 मार्च को विश्व जल दिवस मनाया जाता है। इसका उद्देश्य दुनिया में पानी के महत्व समझाना है। विश्व जल दिवस को इसलिए मनाया जाता है ताकी दुनियाभर के सभी विकसित देशों में स्वच्छ पेयजल उपलब्ध हो। इसके अलावा इस दिन जल संरक्षण के महत्व पर भी जोर दिया जाता है।
जानें कब हुई शुरूआत
1992 में रियो डि जेनेरियो में पर्यावरण तथा विकास पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन (UNCED) में विश्व जल दिवस को मनाने की शुरूआत की गई थी। इसका आयोजन पहली बार 1993 में 22 मार्च को हुआ था।
आंकड़ों के मुताबिक विश्व के 1.5 अरब लोगों को पीने का शुद्ध पानी नहीं मिल पा रहा है। जल संरक्षण का महत्व साफ पीने योग्य जल का महत्व, इन्ही सब वजह से 22 मार्च को विश्व जल दिवस मनाने की शुरुआत की गई थी।
इस बार की थीम
संयुक्त राष्ट्र की तरफ से हर साल अलग-अलग थीम दी जाती है। विश्व जल दिवस 2021 की थीम है- वेल्यूइंग वॉटर। वेल्यूइंग वॉटर का मतलब है दुनियाभर के लोग पीने के पानी के महत्व को समझें और जल संरक्षण करें। क्योंकि दनिया के कई ऐसे देश हैं, जहां पीने तक का पानी नहीं है।
दार्शनिक थेल्स ने सैकड़ों साल पहले कहा था कि जल ही समस्त भौतिक वस्तुओं का कारण और समस्त प्राणी जीवन का आधार है लेकिन अब लोग इस बात को महत्व नहीं दे रहे हैं।
जल हमारा मूलभूत संसाधन है, इससे कई काम संचालित होते हैं और इसकी कमी से ज्यातार क्रिया कलाप ठप हो सकते हैं। अस्तित्व पर संकट गहरा सकता है।