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महिलाओं को पीरियड्स में होने वाली समस्याओं से ऐसे मिलेगी राहत, आपके हर सवाल का जवाब..

period 1 महिलाओं को पीरियड्स में होने वाली समस्याओं से ऐसे मिलेगी राहत, आपके हर सवाल का जवाब..

महिलाओं में हर महीनें होनी वाली महामारी अकसर कई महिलाओं के लिए बड़ी सजा बन जाती है।

period 2 महिलाओं को पीरियड्स में होने वाली समस्याओं से ऐसे मिलेगी राहत, आपके हर सवाल का जवाब..

ये बात हम इसलिए बोल रहे हैं क्योंकि पीरियड्स के दिनों में कई महिलाओं को शरीर में होने वाले कई तरह के बदलावों से गुजरना पड़ता है।

जिसकी वजह से उनके लिए पीरियड्स के ये दिन बेहद दर्द भरे होते हैं।आज हम आपको पीरियड्स के दिनों में महिलाओं को होने वाली कई समस्याओं के बारे में बताने जा रहे हैं। जिससे आपको हर सवाल के जवाब मिल जाएगा।

आपको बता दें हर साल 28 मई को मेंस्ट्रुअल हाइजीन डे मनाया जाता है। जिसमें पीरिड्स के जुड़े सवालों को और उनके जवाबों को लोगों तक पहुंचाया जाता है।

इसलिए भारत खबर आपके लिए इस बेहद संवेदनशीन जानकारी लेकर आया हैं। जिसे हर महिला को जरूर जानना चाहिए।

औसतन एक महिला को अपने पीरियड में 2 से 3 बड़ी चम्मच रक्त स्त्राव होता है। इस औसत राशि से थोड़ा कम-ज्यादा रक्त स्त्राव होना बिलकुल सही माना जाता है।

आपके लिए जो नॉर्मल है, शायद वो किसी और के लिए नार्मल न हो। इसी के साथ ब्लीडिंग का फ्लो हर महीने अलग भी हो सकता हैऔर ऐसा होना नॉर्मल है। इसलिए आपको ज्यादा ब्लीडिंग होने पर घबराना नहीं चाहिए।

जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है, वैसे-वैसे पीरियड्स में भी बदलाव आता है। कई महिलाओं को मेनोपॉज से पहले काफी अधिक ब्लीडिंग होती है।

अगर आपके पीरियड्स रेगुलर हैं, पीरियड्स ट्रैक करने पर आपको यह पता चलेगा कि आप कब ओव्युलेट करेंगी।

जो महिलाएं प्रेगनेंट होना का ट्राई कर रही हैं, उन्हें इससे मदद मिलेगी।अगर आपके पीरियड्स रेगुलर नहीं हैं, इन्हें ट्रैक करने से आप डॉक्टर को ठीक से बता पाएंगी कि आपको क्या-क्या परेशानियां आ रही हैं।

अगर आपको पीरियड्स में इतना दर्द या ब्लीडिंग होती है कि आपको स्कूल या ऑफिस से छुट्टी लेनी पड़ती है, इन पीरियड के लक्ष्यों और डेट को ट्रैक करने से आपके इलाज में डॉक्टर को मदद मिलेगी।
अधिक दर्द या ब्लीडिंग जिससे आपको काम या स्कूल से छुट्टी लेनी पड़े, यह नॉर्मल नहीं है और इसका इलाज किया जा सकता है।

आमतौर पर कई कारणों से पीरियड अनियमित होता है। स्तनपान कराने, अधिक वजन घटाने या अधिक एक्सरसाइज करने, खानपान की खराब आदतों, पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम, पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज और यूट्रेरिन फाइब्रॉयड के कारण मासिक धर्म अनियमित होता है।

महिलाओं को अपने मासिक धर्म को नियमित करने के लिए बर्थ कंट्रोल पिल्स का सेवन करना चाहिए।

इसके साथ ही जीवनशैली में बदलाव और खानपान पर विशेष ध्यान देना चाहिए।
स्वास्थ्य समस्याओं के उचित इलाज से भी अनियमित पीरियड की समस्या को दूर किया जा सकता है।

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उम्मीद है आपको आपके हर सवाल का जवाब मिल गया होगा। अगर इसके बाद भी आपको अन्य तरह की समस्या हो रही है। तो डॉक्टर को एक बार जरूर दिखाएं।

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