लखनऊ : कहते हैं कि देश की आत्मा गांवों में निवास करती है। लेकिन गांव आज भी शहरों की ओर भाग रहा है। इसके पीछे कई कारण हैं। प्राथमिक सुविधाओं का अभाव है। अच्छी शिक्षा, रोजगार, व्यापार जैसी मूलभूत सुविधाएं नहीं हैं। यही कारण है कि गांवों में लगातार पलायन हो रहा है। लेकिन, हमारी सरकार की कोशिश है कि इस पलायन को रोका जाए। गांवों में ही लोगों को रोजगार दिए जाएं। इसके लिए ग्राम प्रधानों की जिम्मेदारी सबसे बड़ी होगी। गांवों के विकास को लेकर उनको कार्ययोजना तैयार करनी होगी। लोगों को रोजगारों से जोड़ना होगा। इसके लिए प्रधानों को प्रशिक्षित किया जा रहा है। इसका असर देखने को मिलेगा। यह बातें शुक्रवार को प्रदेश सरकार पंचायती राज मंत्री भूपेंद्र सिंह चौधरी ने कहीं। वे अटल सुशासन पीठ लोक प्रशासन विभाग, लखनऊ विश्वविद्यालय में आयोजित पंचायत प्रशिक्षण कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे।
आधी आबादी के हक को किया साकार
पंचायती राज मंत्री ने कहा कि इस बार पंचायतों में महिला प्रतिनिधियों की आबादी 53फीसदी है। हमने महिलाओं को दिए आरक्षण से ज्यादा लोगों को चुना है। हमारी सरकार ने आधी आबादी को उसका पूरा हक दिया है। विकास की सतत प्रक्रिया में महिलाओं की भूमिका सबसे बड़ी होती है। इसलिए जो मौका मिला है, उसको भुनाने की जरूरत है।
कोरोना की चुनौतियों के बीच इसलिए पंचायत चुनाव कराए, ताकि गांव का विकास ना रूके
भूपेंद्र सिंह चौधरी ने कहा कि हमारी सरकार गांवों के विकास के लिए लगातार प्रयासरत है। सीएम योगी गांवों का सर्वांगीण विकास करना चाहते हैं। ग्राम प्रधानों का कार्यकाल 24 दिसंबर 2020 को खत्म हो रहा था। उस समय कोरोना की चुनौतियां भी थीं। लेकिन, इन सबके बीच हमने चुनाव कराने का निर्णय लिया। जिससे कि गांवों के विकास में कोई अवरोध ना आए। हालांकि इसके लिए हमारी खूब आलोचनाएं की गईं लेकिन हमारी मंशा अच्छी थी। हमारी सोच थी कि गांवों का विकास बेहद जरूरी है। इसलिए चुनाव को कराया जाना जरूरी है और हमने करके दिखाया।
अपने-पराये की सोच से अलग होकर निष्पक्ष काम करें
भूपेंद्र सिंह चौधरी ने कहा कि ग्राम पंचायतों में मतदान 90 फीसदी तक होता है। यह लोगों की जागरूकता काबिलेतारीफ है। हालांकि, प्रत्याशी इतने ज्यादा होते हैं कि उनमें से 10-15 फीसदी वोट पाने वाला भी प्रधान बन जाता है। अक्सर देखा जाता है कि जीतने के बाद वो व्यक्ति अपने उन्हीं लोगों का काम करता है जो उनके समर्थक होते हैं। इस सोच से बाहर निकलने की जरूरत है। अपने और पराये की सोच को छोड़ना होगा। उन्होंने कहा कि यूपी में हम 42 फीसदी वोट पाकर सत्ता में आए। लेकिन, सीएम हों या पीएम हों, उनको कभी कोई नहीं कह सकता कि वो कुछ लोगों के लिए काम कर रहे हैं। जो आपके साथ नहीं थे तो उनको भी साथ लेकर चलना होगा। विकास तभी सही मायनों में आप कर पाएंगे।
शौचालय-आवास के लिए जारी पैसा प्रोत्साहन राशि है, इसका सदुपयोग करें
पंचायती राज मंत्री ने कहा कि शौचालयों और आवासों के लिए जारी अनुदान राशि को लेकर कहा जाता है कि यह बहुत कम है। लेकिन, यह समझना जरूरी है कि यह पैसा प्रोत्साहन राशि है। जिसका मकसद होता है कि आप इसका सदुपयोग करें। सरकार आपकी मदद कर रही है। इसमें अपने पास से पैसे जोड़कर इसको पूरा करें। लोगों का जागरूक होना बेहद जरूरी है। साथ ही भागीदारी भी करनी होगी। सरकार तभी काम कर पाएगी जब जनभागीदारी होगी।
स्वच्छता अभियान का महत्व जानना जरूरी
मंत्री ने कहा कि ग्राम पंचायत के प्रतिनिधियों की अधिकांश निधि नाली-खड़ंजों में ही चली जाती है। लेकिन, इस बीच सफाई के महत्व को समझना जरूरी है। लोगों को जागरूक होना होगा। प्रधानमंत्री के आह्वान के बाद बदलाव दिखाई दे रहा है। बाहर जाकर शौच करने वालों की संख्या में लगातार गिरावट आ रही है। लोग घरों में शौचालय बनवाने लगे हैं। पेयजल की सुविधाएं भी शुरू हो गई हैं। इसका असर दिखाई दे रहा है। लेकिन, इसको निरंतर जारी रखने की जरूरत है। हमारी सरकार सामुदायिक शौचालयों पर जोर देने के साथ लगातार काम कर रही है।
उत्कृष्ट काम कर पुरस्कार के लिए करें आवेदन
भूपेंद्र सिंह चौधरी ने प्रधानों को संबोधित करते हुए कहा कि गांवों के विकास के लिए सरकार ने खूब बजट जारी किया है। कोई ऐसा गांव नहीं होगा जहां आरसीसी रोड जैसी सुविधा के लिए पैसा ना जारी किया गया हो। सरकार की योजनाओं को गांवों तक पहुंचाकर लोगों को मजबूत करें। इसकी कार्ययोजना बनाकर काम करने की जरूरत है। उन्होंने प्रधानों से कहा कि सरकार के कुछ पैरामीटर हैं। उस आधार पर गांवों का विकास करें। साथ ही सरकार की ओर से दिए जाने वाले पुरस्कार के लिए आवेदन भी करें। किसी प्रकार की कोई समस्या आती है तो उसके बारे में हमें जानकारी दें। हम आपके लिए कार्ययोजनाएं बना रहे हैं। सरकार आपका पूरा सहयोगी करेगी।