सनातन धर्म दुनिया को सबसे पुराना धर्म माना जाता है। यही कारण है कि, हिन्दू धर्म को लेकर बड़े-बड़े ग्रथों में बड़े-बड़े दावे किए जाते हैं।
महाभारत और रामायण हिन्दुओं के सबसे प्रमुख काव्य ग्रंथ है। दोनों ही भारत के सबसे धार्मिक, पौराणिक, ऐतिहासिक और दार्शनिक ग्रंथों के रूप में पहचाने जाते हैं।
विश्व के सबसे लंबे साहित्यिक ग्रंथ महाभारत और श्रीराम की ज़िन्दगी पर आधारित रामायण, आज भी दुनिया के विभिन्न समाजों के लिए रहस्य बने हुए हैं।
लेकिन क्या आपने कभी सोच है जब भारत की धरती पर भगवान राम और भगवान श्री कृष्ण ने जन्म लिया था उस दौरान विदेशी मुल्क क्या कर रहे थे?
क्या द्ववापर और त्रेता युग में भी अमेरिका, रूस और चीन जैसे देश थे?
इसका उत्तर ज्ञात करने के लिए हमें धार्मिक ग्रंथों का गहन अध्यन करना होगा ।
जी हाँ , दूसरे देशो और संस्कृतियों का हमारे प्राचीन ग्रंथो पुराणों में उल्लेख है। अगर हम वाल्मीकि रामायण को ही लें तो आप उसमे विभिन्न देशो के सन्दर्भ पाएगे।
बड़े-बड़े विद्वानों की मानें तो रामायण के दौर में अमेरिका को खोजा तक नहीं गया था और महाभारत का युग जीसस क्राइस्ट के पैदा होने के 1000-1500 साल पहले आया था।
महाभारत के समय पूरे भारतीय उपमहाद्वीप को भारत कहा गया था। ये भारत, आधुनिक भारत से कहीं ज़्यादा बड़े क्षेत्र में शामिल था। उस ज़माने में भारतीय महाद्वीप पर अलग-अलग शासकों का राज था।
ऐसे उदाहरण भी हैं जो साबित करते हैं कि महाभारत और रामायण के साम्राज्य भारत के बाहर मौजूद थे।
जैसे सीता मां का जन्म मिथिला में हुआ था, जो मौजूदा दौर में नेपाल में स्थित है।कैकेयी का साम्राज्य यानि माद्रा साम्राज्य आज के पाकिस्तान में मौजूद है।
गांधार साम्राज्य वर्तमान समय में अफ़गानिस्तान में स्थित है। वहीं कंबोजास साम्राज्य को ईरान और पाराम कंबोजास आज के ज़माने के हिसाब से तज़ाकिस्तान में मौजूद है।
अगर दुनिया के बाकी हिस्सों की बात की जाए, तो वहां पर भी मानव अस्तित्व की मौजूदगी के अंश मिलते हैं।
पुरातात्विक और पौराणिक सबूतों का विश्लेषण करने पर सामने आया कि ये सभ्यताएं भारतीय सभ्यता जितनी विकसित नहीं थी।
साफ़ है कि आधुनिक पश्चिमी सभ्यता केवल 300 से 500 साल ही पुरानी है।इतना ही नहीं अगर पुराणों की मानें तो क्रौंचाद्वीपम में एक जंगल मौजूद था, जिसे कपिलारान्य कहा जाता था। यही जंगल आज कैलिफॉर्निया के नाम से जाना जाता है।
अस्त्रआलयम जहां पांडव अपने अस्त्र-शस्त्र और हथियारों को रखा करते थे, उसे आज ऑस्ट्रेलिया कहा जाता है।
सन 1500 से लेकर सन 1750 तक आधुनिक पश्चिमी सभ्यता का बोल-बाला रहा और बदलते समय के साथ-साथ अलग-अलग सभ्यताओं ने अपना रुतबा कायम रखा।
इस हिसाब से देखा जाए. तो भारतीय उपमहाद्वीप दुनिया की सबसे प्राचीन सभ्यता रही महाभारत में कई ऐसे कई तत्व भी मौजूद है, जो चीन के अस्तित्व की पुष्टि करती है. महाभारत में, चीनियों के साथ असम के राजा भागादत्ता की अपनी सेना थी।
वही राजा सभापर्वण जैसी जगह में भी चीनियों से घिरा रहता था।उस दौर में सिंधु घाटी सभ्यता और इस्तानबुल के बीच व्यापार का एक रूट हुआ करता था।
कांधार को उस समय गांधार कहा जाता था. गांधार के राजा शकुनि, महाभारत में एक अहम किरदार के तौर पर जाने जाते हैं। गांधार इसी नाम के साथ ईरान में स्थित है।
महाभारत की कहानी 1200 BC से और रामायण की 1300 BC से शुरु होती है।
ये दोनो ही गाथाएं कई सदियों तक श्लोकों के रुप में बयान की जाती रही।
तो देखा आपने महाभारत और रामायण के समय किस तरह से दुनिया के विभिन्न बड़े-बड़े देशों मे उस वक्त के राजा राज करते थे। इसका उल्लेख खुद इन दोनों ग्रंथों में मिलता है।
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जो इस बात की तस्दीक करते हैं कि, महाभारत और रामायण काल से समय विदेशों का अस्तित्व मौजूद था।