श्रीनगर। जम्मू- कश्मीर में चल रही हलचलों के बीच अचानक सुबह छ: बजे से ही धारा 144 लागू कर दी गई और पूरे काश्मीर को सीआरपीएफ के हवाले कर दिया गया। भारी मात्रा में जवानों की तैनाती की गई हैँ। गौरतलब है कि पिछले कुछ दिनों में 38000 जवानों की तैनाती और राज्य सरकार की तरफ से अमरनाथ यात्रियों और पर्यटकों को जल्द से जल्द घाटी से लौटने की अडवाइजरी के बाद कश्मीर घाटी में तरह-तरह की अटकलें जोर पकड़ रही हैं।
पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने पहले ही केंद्र सरकार को कहा था कि यदि जम्मू में धारा 35ए से छेड़छाड़ हुई तो ठीक नहीं होगा और यहां की आवाम इसका विरोध करेगी। उन्होंने आशंका जताई थी कि कश्मीर में ‘कुछ बड़ा’ प्लान हो रहा है। वरिष्ठ कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने भी कहा है कि कश्मीर में खौफ का माहौल है, इस तरह का अडवाइजरी इससे पहले कभी नहीं आई। दरअसल, अतिरिक्त जवानों की तैनाती को आर्टिकल 35-A और 370 को खत्म करने से जोड़कर देखा जा रहा है।
लोग अपने-अपने हिसाब से कयास लगा रहे हैं और अफवाहों का बाजार गर्म हो रहा है। कहा जा रहा है कि केंद्रीय कैबिनेट गर्वनर से आर्टिकल 370 को खत्म करने का आग्रह करने को कह सकता है। अभी राज्य में राज्यपाल शासन है और गर्वनर ही संवैधानिक तौर पर राज्य के हेड हैं और वह ऐसा आग्रह केंद्र से कर सकते हैं। इसके लिए संसद की इजाजत की भी जरूरत नहीं होगी।