नई दिल्ली। बीते दिनों बिहार की सियासत में मचे संग्राम के बाद 20 महीने के महागठबंधन से नाता तोड़ कर सीएम नीतीश कुमार ने भाजपा का दामन थाम लिया था। जिसके बाद वह फिर सीएम की कुर्सी पर भाजपा के समर्थन से काबिज हो गए थे। जिसके बाद नीतीश कुमार ने औपचारिक तौर पर एनडीए में शामिल होने की बात कही थी।
लेकिन इस ऐलान पर राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में मुहर करने के बाद घोषणा करने की बात पर भी जोर दिया था। शनिवार को पटना में राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक आहुत हुई थी। इस बैठक में नीतीश कुमार ने पहला प्रस्ताव एनडीए के घटक दल के तौर पर जुड़ने का रखा। जिसको कार्य परिषद ने पारित करते हुए इस पर अपनी संस्तुति व्यक्त कर दी।
जिसके बाद 4 सालों का तलाक खत्म हुआ और आखिरकार लम्बी जद्दोजहद के बाद नीतीश कुमार की जेडीयू एक बार फिर एनडीए का हिस्सा बन गई है। हांलाकि इसके पहले जब नीतीश कुमार ने महागठबंधन से नाता तोड़ा और बीजेपी के साथ सत्ता का सफर तय किया तो उन्हे कई साथियों को ये नागवार गुजरा कुछ पर कार्रवाई की गई। तो कुछ तो चेतावनी भी दी गई है। बीते दिनों नीतीश कुमार ने दिल्ली की यात्रा की थी जहां पर भाजपा अध्यक्ष अमित शाह से मुलाकात भी की थी। जिसके बाद ही नीतीश कुमार ने संकेत दिए थे कि जल्द ही इस बारे में वो अपनी पार्टी से बातचीत सलाह लेकर घोषणा करेंगे।