featured देश

जानिए अटल बिहारी वाजपेयी ने बतौर सांसद क्या था संसद में

जानिए अटल बिहारी वाजपेयी ने बतौर सांसद क्या था संसद में

नई दिल्ली: देश के पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी ने दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में गुरुवार को अंतिम सांसे ली। अटल बिहारी वाजपेयी 2 महिने से एम्स में भर्ती थें जहां उनका इलाज चल रहा था। वाजपेयी की हालत बुधवार को जयादा बिगड़ गई। जिसके बाद उन्हें लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर रखा गया था। डॉक्टरों ने कहा दिया था कि अगले 24 घंटे बेहद महत्वपूर्ण हैं। इस बीच अटल जी के लिए दुआओं का दौर भी जारी रहा था।

 

जानिए अटल बिहारी वाजपेयी ने बतौर सांसद क्या था संसद में जानिए अटल बिहारी वाजपेयी ने बतौर सांसद क्या था संसद में

ये भी पढें:

सोशल मीडिया पर अटल बिहारी वाजपेयी के शोक में उमड़ा सैलाब
अटल बिहारी की अस्थियां को लेकर योगी सरकार का बड़ा एलान, राजकीय शोक का भी ऐलान

 

भारत की राजनीति में अटल जी का ऐसा व्यक्तित्व है जिन्हें विरोधी भी पसंद करते हैं। अटल जी जैसा वक्ता बिरले ही पैदा होते हैं। यही वजह है कि चाहे सदन हो या जनसभा जब भी वे बोलते थे तो उन्हें सुनने के लिए सभी आतुर रहते थे। अटल जी का यूपी से गहरा नाता रहा है। उन्होंने कानपुर से राजनीति शास्त्र में एमए किया और राजनीति में आए।

 

1957 में पहली बार अटल जी यूपी के बलरामपुर लोकसभा संसदीय क्षेत्र से संसद चुने गए थे। वे जनसंघ पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़कर लोकसभा के लिए निर्वाचित हुए थे। अटल बिहारी वाजपेयी ने कांग्रेस के हैदर हुसैन को पराजित किया था। बतौर सांसद जब वो चुने गए तब उन्होने संसद में अपने पहले भाषण में कहा कि हमने हरियाणा में जीत की,हमने कर्नाटक में समर्थन प्राप्त किया।

 

इसके साथ ही उन्होने यह भी कहा कि हम ये मानते हैं कि हम केरल और तमिलनाडु में इतने शक्तिशाली नहीं हैं मगर हमारा संगठन है। उन्होने कहा था कि हमें पश्चिम बंगाल में थोड़ा कम वोट मिला था । उन्होने कहा कि अग9र आप देश की बात करते हैं तो 10% वोट की बात किजिए। उन्होनें कहा कि हर पार्टी हमें हटाने की कोशिश कर रही है।

 

इस दौरान उन्होने कहा कि हमने पार्टी के लिे अपने आप को समर्पित किया और 40 साल हमने राजनीति को दी है तो आज यहां है। उन्होने कहा कि हम लोगों के बीच गए,लोगों की समस्याओं को जाना तभी हम यहां हैं। अपने अंदाज में उन्होने कहा कि भारतीय जनता पार्टी 365 दिन चलने वाली पार्टी है ये कोई चुनाव में कुकुरमुत्ते की तरह खड़े होने वाली पार्टी नही है।

 

 

Related posts

सुशांत के फैंस को झटका, सुशांत पर बन रही फिल्म पर रोक लगाने वाली याचिका खारिज

pratiyush chaubey

शिशु को रोने से रोकने के लिए पिता ने अपने पत्नी के चेहरे और उसके पजामा का मुखौटा पहनाया

Trinath Mishra

Uttarakhand Election: उक्रांद काशीपुर में जनसंपर्क, उत्तराखंड क्रांति दल प्रत्याशी मनोज डोबरियाल ने घर-घर मांगे वोट

Neetu Rajbhar