नई दिल्ली। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को भारतीय राजनीति का अजातशत्रु कहा जाता है। लेकिन उनको ये नाम देने के पीछे एक बहुत बड़ा कारण हैं और वो कारण हैं भारत पाकिस्तान का शांति समझौता। अटल जी ने अजातशत्रु का नाम अपने व्यक्तित्व और कृतित्व से व्यापक स्वीकार्यता से यह सम्मान अर्जित किया है। अटल बिहारी तीन बार भारत के प्रधानमंत्री बने और इस दौरान उन्होंने कई काम किए और उनके इस काम में से एक था भारत पाकिस्तान के शांति पर किया गया काम।
भारत-पाकिस्तान के बीच शांति का आयाम
उन्होंने भारत-पाकिस्तान के बीच शांति की उम्मीदों को नया आयाम दिया। नई दिल्ली से शांति का पैगाम लेकर लाहौर तक की बस यात्रा की। एक अनुभवी राजनीतिज्ञ और उत्कृष्ट सांसद होने के अलावा वाजपेयी एक प्रसिद्ध कवि और सभी राजनीतिक दलों में सबसे लोकप्रिय व्यक्तित्व रहे हैं।
पाकिस्तान के साथ दोस्ती का पैगाम
आपको बता दें कि अटल जी ने 20 फ़रवरी 1999 को इस बस की शुरूआत पाकिस्तान को दोस्ती के पैगाम के साथ की थी। इस बस काम नाम दिल्ली लाहौर बस सेवा का नाम पड़ा। पहली बार अटल बिहारी वाजपेयी ने भारत पाक सीमा पर एक बस से अटारी से वाघा तक का सफ़र किया था। उनके इस सरहानीय कदम की वजह से उन्हें भारतीय राजनीति में अजातशत्रु का उपाधि मिली और उनके इस कदम के लिए ना सिर्फ भारत और पाकिस्तान में उनकी तारीफ हुई बल्कि उनके इस कदम की सराहना पूरी दुनिया ने की। हालांकि 13 दिसंबर 2001 में भारतीय संसद पर हमले के लिए भारत सरकार ने पाकिस्तान के एक चरमपंथी संगठन को दोषी ठहराते हुए ये सेवाएँ बंद कर दी थीं।
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