शहर में गंगाजल आपूर्ति पर अभी भी संकट के बादल मंडराने लग गए हैं। वेतन नहीं मिलने से नाराज कर्मचारियों नें तीसरे दिन भी गंगाजल ट्रीटमेंट प्लांट को चालू नहीं किया। कर्मचारियों ने मंगलवार को प्लांट की पावर सप्लाई को भी पूर्ण रुप से बंद कर दिया। प्लांट पर ताला लगाकर कर्मचारी बाहर धरने पर बैठे रहे।
बिजली सप्लाई बंद होने से अब पानी की आपूर्ति का संकट और गहरा गया है। आपूर्ति बंद होने से शहर की जलापूर्ति डगमागा गई है। इससे लगभग 10 लाख लोगों के पानी पर ताला लग गया है। अंदोलन कर रहे कर्मचारियों कि माने तो जल निगम उनके वेतन का प्रबंध नहीं कर रहा है जिसकी वजह से परिवार का लालन पालन करना भारी पड़ रहा है। जब तक पिछले 6 माहीने का वेतन नहीं मिलेगा तब तक प्लांट को शुरु नहीं किया जाएगा।
आपको बता दें कि इस जगह से शहर में पांच लाख लीटर प्रति घंटा की है सप्लाई होती है। माना जा रहा है कि शहर के पुराने इलाके में इस जगह से पानी की व्यवस्था की जाती है। ऐसे में अगर ये जल्द ही पानी की सप्लाई शुरु नहीं की गई तो पानी का संकट पैदा हो सकता है। दरअसल कई वर्षों से थाना रोहटा क्षेत्र में भोला की झाल से शहर की पानी की आपूर्ति की जाती है। इस पानी के प्लांट को प्रतीभा नाम की कम्पनी ने बनाया था और बरसों से इसकी रख रखाव भी इसी कम्पनी के पास है।
लेकिन कर्मचारियों और सुरक्षा एजेन्सी का भुगतान जल निगम को करना होता है। इन कर्मचारियों का आरोप है कि 6 महीने से निगम नें कोई भुगतान नहीं किया है। ऐसे में परिवार का पालान पोषण करना मुश्किल हो रहा है। जब कोई सुनवाई नहीं हुई तो मजबूर हो कर ये कदम उठाया गया है। वहीं दूसरी तरफ मौके पर तैनात जेई और अन्य अधिकारी इस तालाबंदी कर अपनी अनभिज्ञता जता रहे हैं और कैमरे के सामने बोलने के लिए भी तैयार नहीं है। उनके हिसाब से पानी की सप्लाई सुचारू है।