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विद्युत विभाग का कानून से खुला खिलवाड़

gonda विद्युत विभाग का कानून से खुला खिलवाड़

गोण्डा। दबंगों व सत्ता के रसूखदारों के द्वारा कानून व संविधान के उल्लंघन के मामले तो अक्सर प्रकाश में आते रहते हैं किंतु गोंडा में एक ऐसा मामला प्रकाश में आया जिसमे सरकारी विभाग के अधिकारी व कर्मचारी भी गैर कानूनी तरीके से एक घटित हो चुके आपराधिक मामले को पुलिस से छिपाकर गुपचुप तरीके से पीड़ित को नर्सिंग होमों में भर्ती कराते फिर रहे हैं। मामला उत्तर प्रदेश के बहुचर्चित गोंडा जिले का है। यंहा के इटियाथोक थानाक्षेत्र में विद्युत विभाग का एक संविदाकर्मी लाइनमैन तब करेंट लगने से गंभीर जलकर गिर पड़ा जब वो विद्युत आपूर्ति शटडाउन कराके पोल से ख़राब ट्रांसफार्मर उतार रहा रहा।

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ट्रांसफार्मर उतारते समय पावर हाउस से विद्युत आपूर्ति चालू कर दी गयी। जिसे लाइनमैन रघुवंश मणि पाण्डेय बुरी तरह झुलस गया। इटियाथोक क्षेत्र के गांव जगदीशपुर में घटी इस घटना में लाइनमैन का एक हाथ पूरी तरह जल गया और शरीर के कई जगहों पर जलने से घातक जख्म हो गए। इस मामले में विद्युत विभाग के अधिकारियों व कर्मियों ने घटना के कई घण्टे बीत जाने के बाद भी न तो पुलिस को सूचित किया, न एफआईआर लिखाया और न ही लाइनमैन का मेडिकोलीगल कराया। इसके विपरीत विभागीय अभियंता व अधिकारी निजी नर्सिंग होमों में भर्ती कराते रहे। मीडिया के पंहुचने पर ये लोग पीड़ित को नर्सिंग होम से भी लेकर भाग गए।

गोंडा के एक निजी नर्सिंग होम में भर्ती यह गरीब युवक अपने परिवार को पालने के लिए मात्र चौंसठ सौ रुपये प्रति माह के मानदेय पर विद्युत विभाग में लाइनमैन के पद पर प्रतिदिन जिंदगी और मौत से खेलने का जोखिम उठाता है। आज ये शख्स विद्युत विभाग के कुछ अधिकारियों व कर्मियों की जानलेवा लापरवाही के चलते आज इसी रिस्क का शिकार हो यंहा भर्ती है। इटियाथोक थानाक्षेत्र के सराहरा गांव का निवासी ये विद्युत विभाग का लाइनमैन ब्रेकडाउन के बाद जगदीशपुर गांव में ख़राब ट्रांसफार्मर उतारते समय दुबारा विद्युत आपूर्ति चालू कर दिए जाने से बुरी तरह से जलकर इस जानलेवा स्थित में पंहुच गया है।

विद्युतकर्मियों, अभियंताओं व अधिकारियों द्वारा इस घटना की जानकारी पुलिस को न देकर के गैरकानूनी तरीके से पुलिस से छिपाकर निजी नर्सिंग होम में भर्ती कराये हैं। बुरी तरह गया घायल पीड़ित नर्सिंग होम के बेड पर जिंदगी और मैट से जूझ रहा है और विभाग के अधिशाषी अभियंता अशोक यादव जिस तरह से अपने दायित्वों से मुंह मोड़ते हुए निचले अधिकारियों का जिम्मेदार बता रहे हैं उससे यह कहना गलत नहीं होगा कि शायद ही पीड़ित गरीब संविदाकर्मी लाइनमैन व उसके परिवार को किसी भी तरह से न्याय, राहत व जीवन यापन हेतु रोजगार मिल पायेगा जबकि पीड़ित साफ – साफ बंया कर रहा है कि उसकी इस दुर्दशा के लिए एसएसओ दिनेश शुक्ल ही पूरी तरह से जिम्मेदार व दोषी हैं।

rp_gonda(विशाल सिंह संवाददाता)

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